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Mar 1, 2025

उदंती.com, मार्च - 2025

वर्ष 17, अंक - 8

झूठ आज से नहीं अनंत काल से रथ पर सवार है और सच चल रहा है पाँव - पाँव।  -भवानीप्रसाद मिश्र

इस अंक में

अनकहीः ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ के दस साल ... - डॉ.  रत्ना वर्मा

महिला दिवसः आनंदीबाई जोशी: चुनौतियाँ और संघर्ष - पूजा ठकर

मौसमः अब तक का सबसे गर्म वर्ष 

पर्व-संस्कृतिः सामाजिक समरसता का पर्व होली  - प्रमोद भार्गव

प्रेरकः क्या लोगों को आपकी कमी खलेगी?

संस्मरणः ममता का मूल्यांकन  - देवी नागरानी

आलेखः भाग.. उपभोक्ता.. तेरी बारी आई - डॉ. महेश परिमल

क्षणिकाएँः हँस पड़ी है नज़्म  - हरकीरत हीर

विश्व कविता दिवसः अभिव्यक्ति में कविताएँ गद्य से बेहतर हैं - डॉ. डी. बालसुब्रमण्यन   

लघुकथाः हम बेटियाँ हैं न! - सन्तोष सुपेकर

पर्व-संस्कृतिः सृष्टि का जन्म दिवस - उगादी  - अपर्णा विश्वनाथ

कविताः अकिला फुआ  - डॉ शिप्रा मिश्रा

कविताः औरतें इतनी उम्मीद क्यों करती हैं?  - डॉ. शैलजा सक्सेना

बोध कथाः एक स्त्री किसी पुरुष से क्या चाहती है? - निशांत

कविताः कहाँ हो तुम - दीपाली ठाकुर

व्यंग्यः पियक्कड़ों की देशसेवा - गिरीश पंकज

कहानीः मुलाकात - जूही

दो लघुकथाएँः 1. पराया खून , 2.चलते-फिरते कार्यालय - राममूरत ‘राही’

दो लघुकथाएँः 1.सुहाग की निशानी, 2. मान का पान  - सुधा भार्गव

किताबेंः सैनिक पत्नियों की डायरीः महत्त्वपूर्ण अभिलेख - रश्मि विभा त्रिपाठी

जीवन दर्शनः भूलने का विज्ञान- छिपा हुआ वरदान  - विजय जोशी 

2 comments:

Ramesh Kumar Soni said...

इस अंक के बहाने अच्छा साहित्य पढ़ने को मिला-धन्यवाद।
बेहतरीन अंक के लिए-बधाई।

Anonymous said...

सुंदर सामग्री.. 🌹