उदंती.com को आपका सहयोग निरंतर मिल रहा है। कृपया उदंती की रचनाओँ पर अपनी टिप्पणी पोस्ट करके हमें प्रोत्साहित करें। आपकी मौलिक रचनाओं का स्वागत है। धन्यवाद।

Oct 23, 2010

उदंती.com, अक्टूबर 2010


उदंती.com,
वर्ष 3, अंक 2, अक्टूबर 2010
**************
हताश न होना सफलता का मूल है और यही परम सुख है। उत्साह मनुष्य को कर्मो में प्रेरित करता है और उत्साह ही कर्म को सफल बनाता है।
- वाल्मीकि
**************
अनकही: भ्रष्टाचार के साये तले चमकते...
पौराणिक : सरगुजा के रामगढ़ पर्वत में राम वनवास - प्रो. उत्तम चंदगोयल
संस्मरण: मैं भी फर्जी पिकासो बन सकता हूं
मुद्दा: औरत को मारने के बहाने - पंकज चतुर्वेदी
खोज: चमेली की सुंगध का नशा
पुरातन: मल्हार: जहां आज भी गूंज रहे हैं... - सुजाता साहा
हर चीज सलामत! - उदंती फीचर्स
यादें: हवा में उड़ता जाए ... - हर मन्दिर सिंह 'हमराज'
कलाकार: कबाड़ में छुपे सौंदर्य को आकार देती.... - संजीव तिवारी
मिसाल-बेमिसाल: ...और दीनानाथ ने बसा दिया एक प्रेमवन - रोली शिवहरे और प्रशांत दुबे
मानव विकास: मछली खाकर बने बुद्धिमान - डॉ. डी. बालसुब्रमण्यन
व्यंग्य: ओय ओय ... फुट ब्रिज गिर गया -प्रमोद ताम्बट
वाह भई वाह: कलमाड़ी जोक्स - जवाहर चौधरी
कहानी: ब्रह्मराक्षस का शिष्य - गजानन माधव 'मुक्तिबोध
जल: अहसास - मुकुंद कौशल तुक्तक कथा: नेताजी की सलाह - गिरीश बख्शी
वीडियो: 30 साल से बच्चों का चहेता मारियो
सुरेश शर्मा की लघु कथाएं: मानव धर्म, दीया तले
बगैर सीमेंट और कॉन्क्रीट की इमारत
टेस्ट ट्यूब बेबी के 'जनक' का सम्मान
आपके पत्र/ इन बॉक्स
लेखकों से
रंग बिरंगी दुनिया

1 comment:

अविनाश said...

प्रमोद ताम्‍बट का सटीक व्‍यंग्‍य मानो कह रहा है ... ओय ओय ... सुरेश कलमाड़ी गिर गया और अब तो सचमुच गिर गया है, बच नहीं पाया है।
सभी रचनाएं बेहतरीन, ताजातरीन, सार्थक अंक।