उदंती.com-सितम्बर 2011
अनकही: प्रकृति का प्रतिशोध - डॉ. रत्ना वर्मा
ओजोन दिवस: धरती का रक्षा कवच - नवनीत कुमार गुप्ता
मीडिया: पत्रकारिता महज धन्धा न रह जाये ... - एल. एन. शीतल
हिन्दी: मेरे वतन की खुशबू ... - देवी नागरानी
वाह भई वाह
संरक्षण: गिद्ध को बचाने की कोशिश - डॉ. चन्द्रशीला गुप्ता
सुरक्षा: आतंकवादी मंसूबे ताडऩे वाली मशीन?
पर्यटन: झील पर तैरती बस्तियां - पा.ना. सुब्रमणियन
बातचीत: मैं देवदास जैसा नहीं हूं - उर्विश कोठारी
लघु कथाएं: दम तोड़ता सच, मजबूरी, छोटा परिवार - संजय जनागल
कविता: मौका तो दो ... - पूजा शर्मा
कहानी: काबुलीवाला - रवीन्द्रनाथ ठाकुर
दंड का भेद: / पिछले दिनों
व्यंग्य: पद्मश्री सम्मान और मूंगफल्ली - रवि श्रीवास्तव
सेहत: वे हंसना सीख रहे हैं!
शोध: दर्द निवारक पेड़ ...
किताबें: छत्तीसगढ़ में राम वनवास की कथा
रंग बिरंगी दुनिया
आर्थिक युद्ध किसी राष्ट्र को नष्ट करने का एक सुनिश्चित तरीका है, उसकी मुद्रा को खोटा कर देना। (और) यह भी उतना ही सत्य है कि किसी राष्ट्र की संस्कृति और पहचान को नष्ट करने का सुनिश्चित तरीका है, उसकी भाषा को हीन बना देना।... (लेकिन) यदि विचार भाषा को भ्रष्ट करते है तो भाषा भी विचारों को भ्रष्ट कर सकती है — जार्ज ओर्वेल
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अनकही: प्रकृति का प्रतिशोध - डॉ. रत्ना वर्मा
ओजोन दिवस: धरती का रक्षा कवच - नवनीत कुमार गुप्ता
मीडिया: पत्रकारिता महज धन्धा न रह जाये ... - एल. एन. शीतल
हिन्दी: मेरे वतन की खुशबू ... - देवी नागरानी
वाह भई वाह
संरक्षण: गिद्ध को बचाने की कोशिश - डॉ. चन्द्रशीला गुप्ता
सुरक्षा: आतंकवादी मंसूबे ताडऩे वाली मशीन?
पर्यटन: झील पर तैरती बस्तियां - पा.ना. सुब्रमणियन
बातचीत: मैं देवदास जैसा नहीं हूं - उर्विश कोठारी
लघु कथाएं: दम तोड़ता सच, मजबूरी, छोटा परिवार - संजय जनागल
कविता: मौका तो दो ... - पूजा शर्मा
कहानी: काबुलीवाला - रवीन्द्रनाथ ठाकुर
दंड का भेद: / पिछले दिनों
व्यंग्य: पद्मश्री सम्मान और मूंगफल्ली - रवि श्रीवास्तव
सेहत: वे हंसना सीख रहे हैं!
शोध: दर्द निवारक पेड़ ...
किताबें: छत्तीसगढ़ में राम वनवास की कथा
रंग बिरंगी दुनिया
4 comments:
यह एक सभी सामाजिक मुद्दों पर प्रकाश डालती हुई सार्थक पत्रिका है।
आदरणीय दीदी,
नि:संदेह आपका श्रम अति-सार्थक है, यह उदंती के अंको को देखकर लगता है । मुखपृष्ठ की नयनाभिराम छवि और विविधता लिए रचना सामग्री आपके चयन और सम्पादन की गवाही देती हैं । कभी कभी गजले भी छापा कीजिए ।
सादर....
मनोज अबोध, सम्पादक शान्ति द्वैमासिक
नमस्कार !
अच्छ अंक है , बधाई सपादक महोदय जी को '' उदंती '' का मुझ पृष्ठ खूब सूरत लगा . चित्र बहुत कुछ बया करता है . .
सादर
विजया दशमी की हार्दिक शुभकामनाएं। बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक यह पर्व, सभी के जीवन में संपूर्णता लाये, यही प्रार्थना है परमपिता परमेश्वर से।
नवीन सी. चतुर्वेदी
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