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Sep 10, 2011

रंग- बिरंगी दुनिया

उन्होंने इस घर में गुजारे हैं सौ साल

लंदन के पोर्ट्समोथ की शेफ्फील्ड रोड का मकान नंबर 26 कुछ खास इसलिए है क्योंकि इस घर में एक महिला ने अपने सौ साल बिताए हैं। इस घर के पड़ोस में रहने वाले घरों में तो लोग बदलते रहे पर 1911 से आज तक वायलेट स्ट्रूग्नेल इसी मकान में रह रही हैं। वे 100 साल पहले घर के बनने के कुछ समय बाद ही इसमें रहने आईं थीं और तब से वे यहीं हैं।
इस घर से ही उन्होंने अपने जीवन के सभी रंग देखे हैं। यहीं रहते हुए उन्होंने दूसरे विश्व युद्ध में जर्मन सेना द्वारा गिराए गए बमों को झेला है। इसी घर में वे अपने भाइयों के साथ बड़ी हुई हैं और अपने पति की मौत का दर्द भी झेला।

आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय ने बेचे अपने फर्नीचर

इंग्लैंड के विश्व प्रसिद्ध आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय ने अपने खर्चों की पूर्ति के लिए अपने प्रतीक चिन्ह के साथ फर्नीचर बेचने का निर्णय लिया है। इस आठ सौ वर्ष पुराने आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय को यह निर्णय विश्वव्यापी महंगाई के चलते लेना पड़ा है। यह तो निश्चय ही है कि जिस फर्नीचर पर आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय का प्रतीक चिन्ह लगा हो वह हाथों- हाथ मुंह मांगे दामों पर बिकेगा और विश्व भर में इस फर्नीचर की मांग होगी। आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय की विश्वव्यापी ख्याति का लाभ उठाने का ये नायाब तरीका है।

अनोखी शादी

बारात वैसे तो आपने बहुत देखी होगी मगर मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में निकली एक बारात औरों से बिल्कुल जुदा थी। इस बारात में दूल्हा ही नहीं बाराती भी रोलर स्केट्स पहनकर दुल्हन के घर पहुंचे। दूल्हा साजिद खान स्केटिंग के राष्ट्रीय खिलाड़ी हैं। वे इन दिनों दिल्ली के एक विद्यालय में स्कैटिंग के कोच भी हैं। उनकी दुल्हन शाईस्ता यास्मीन भी स्कैटिंग की खिलाड़ी हैं। साजिद ने अपनी शादी को यादगार बनाने के साथ स्कैटिंग को प्रोत्साहित करने के लिए किसी घोड़ी अथवा कार पर सवार होने की बजाय रोलर स्कैट्स से स्कैटिंग करते हुए दुल्हन के घर तक की दूरी तय करने का फैसला किया। साजिद का कहना है कि स्केटिंग पर बारात निकालने का मकसद इस खेल के प्रति युवाओं को प्रोत्साहित करना है।

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