पर्यावरण पर विशेष अंक
प्रकृति को बुरा-भला न कहो।
उसने अपना कर्त्तव्य पूरा किया,
उसने अपना कर्त्तव्य पूरा किया,
तुम अपना करो।
- मिल्टन
- मिल्टन
कविता: गंगा तट से बोल रहा हूँ - अरुण तिवारी
मिसाल: ए महालंगा नाइकपोथी- सुरंग के रास्ते पानी - श्री पद्रे
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3 comments:
यह एक संग्रहणीय अंक है । पर्यावरण पर और भी अंक निकलने चाहिये ।
बहुत सुन्दर संकलन...बधाई
कुछ व्यस्तता के कारण आज ही ये अंक देखा...| अभी तो सरसरी निगाह से, पर फिर भी इतना कहूंगी कि ये एक संग्रहणीय अंक है...| हार्दिक बधाई...|
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