कुछ भी नया करने में संकोच मत करो,
ये मत सोचो हार होगी।
हार तो कभी नहीं होती,
या तो जीत मिलेगी या फिर सीख।
- एपीजे अब्दुल कलाम
इस अंक में
1. अनकहीः AI के नए दौर में आज के युवा - डॉ. रत्ना वर्मा
2. आलेखः बस्तर में अंतिम साँसे गिनता नक्सलवाद - प्रमोद भार्गव
3. प्रेरकः डगलस बेडर से मिलिए लोग फेल क्यों होते हैं ?
4. पर्यावरणः क्या हम समय रहते हिमालय को बचा पाएँगे? - कविता भारद्वाज
5. विज्ञानः डीएनए संरचना के सूत्रधार वॉटसन नहीं रहे
6. शौर्य गाथाः श्यामल देव गोस्वामी जिसने मौत को दी दो बार मात - हरी राम यादव
7. श्रद्धा सुमनः ऐड गुरु पीयूष पांडे - छोड़ गए सबकी जुबान पर...- सपना सी.पी. साहू 'स्वप्निल'
8. कविताः टूट रही है डोर - कृष्णा वर्मा
9. जीवन- दर्शनः न दु:ख शाश्वत है, न सुख, दुःख जाएगा, तभी आएगा सुख - डॉ. महेश परिमल
10. आलेखः देश का आभूषण है संस्कृति - शीला मिश्रा
11. यादेंः रेलवे स्टेशन - प्रशान्त
12. कविताः एक प्रतिशत - डॉ. शैलजा सक्सेना
13 . पंजाबी कहानीः सुर्ख शालू - बलदेव सिंह ग्रेवाल, अनुवाद : सुभाष नीरव
15 .लघुकथाः पेट दर्द - प्रभुदयाल श्रीवास्तव
16. लघुकथाः खूशबू - सुदर्शन रत्नाकर
17. आँखों देखा हालः भारत और अमेरिका के कुत्ते - डॉ. हरि जोशी
18. कविताः सरकार - सपन अग्रवाल
19. अतीत के पन्ने सेः विस्थापन के दौर की बिखरती यादें - देवी नागरानी
20. मनोविज्ञानः बच्चों का हास-परिहास और विकास
21. पिछले दिनोंः रायबरेली में- कला, शब्द और चेतना का संगम - कुसुम लता सिंह
22. बाल-चौपाइयाँः 1. मिट्ठू प्यारे, 2. चिंटू का सपना - सुशीला 'शील' स्वयंसिद्धा

महत्वपूर्ण विषय को लेकर लिखा गया , बेहतरीन सम्पादकीय, एवं सभी आलेख, कहानी ,कविताओं से सुसज्जित सुंदर अंक।हार्दिक बधाई । मेरी लघुकथा को स्थान देने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद। सुदर्शन रत्नाकर
ReplyDeleteबेहतरीन अंक है....
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