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| सितंबर 1945 में अपने नकली पैर को उठाकर विमान में प्रवेश करते डगलस बेडर |
डगलस रॉयल एयर फ़ोर्स में पायलट था। 1931 में हवा में अपने विमान को गुलाटियाँ खिलाते वक्त वह क्रेश हो गया। उसके दोनों पैर कट गए। एक घुटने के ऊपर, दूसरा घुटने के नीचे।
जब उसकी हालत में सुधार हो रहा था, तब उसे एक लड़की से प्यार हो गया। उसने उससे विवाह कर लिया।
पूरी तरह से ठीक हो जाने पर उसने नकली पैर लगाकर फ़्लाइंट टेस्ट पास कर दिखाए, लेकिन उसे उसकी इच्छा के विरुद्ध फ़ोर्स से रिटायर कर दिया गया।
1939 में द्वितीय विश्व युद्ध की शुरुआत के बाद उसे फ़ोर्स में दोबारा बतौर पायलट शामिल कर लिया गया। वह इतिहास में पहला पायलट बना जिसने दोनों नकली पैरों के सहारे लड़ाकू विमान उड़ाए। अगले वर्ष उसने विरोधियों के 26 विमान मार गिराए।
1941 में उसे फ़्रांस में मजबूरन उतरना पड़ा और जर्मन सैनिकों ने उसे पकड़ लिया।
वह ठीक से चल-फिर भी नहीं पाता था लेकिन उसने जर्मनों के चंगुल से बच निकल भागने के कई प्रयास किए। अंततः 1945 में युद्ध की समाप्ति पर अमेरिकी फौज ने उसे आजाद कराया।
डगलस ने तब तक विमान उड़ाना जारी रखा, जब तक उसकी सेहत ने इजाज़त दी। उसे डिसेबल्ड समुदाय के प्रति सेवाओं के लिए नाइट की उपाधि से सम्मानित किया गया।
तो यह सवाल उठा है कि
लोग फेल क्यों होते हैं?
- लोग फेल तब होते हैं जब वे प्रयास करना छोड़ देते हैं।
- जिस आदमी के पैर कट गए थे, उसने विमान उड़ाए; क्योंकि वह प्रयास करता रहा।
- जिस आदमी के पैर कट गए थे, उसने शत्रु की कैद से भाग निकलने की तरकीबें कीं; क्योंकि वह प्रयास करता रहा।
- हम उसकी कहानी को हमेशा याद करते रहेंगे; क्योंकि वह प्रयास करता रहा।
- लोग तब फेल हो जाते हैं जब वे प्रयास करना छोड़ देते हैं।
( हिन्दी ज़ेन से)

प्रेरणादायक संस्मरण। सुदर्शन रत्नाकर
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