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Dec 3, 2025

कविताः सरकार

   -  सपन अग्रवाल

नेता कभी लाठी नहीं भाँजते,

प्रशासन कभी वोट नहीं माँगता ,

वंचित कभी सवाल नहीं करते ,

किसान  कभी आराम  नहीं करता,

कुलीन कभी नौकरी नहीं करते।

ये सब मिलकर  बस  सरकार बनाते हैं

और फिर..... सरकार ही

सबकुछ करती है ।

 

कागज़ों में  विकास,

सड़कों पर  खेती,

रैलियों  में  न्याय,

भाषणों में  घोषणा,

घोषणाओं में  रोजगार,

जवाबों में  आश्वासन ,

वेबसी पर सांत्वनाएँ ,

धरनों  पर लाठियाँ ,

जुलूसों में  दंगे ।

 

इतना कुछ करने के बाद भी

यह कह देना निष्ठुरता  होगी

कि 'सरकारें  कुछ नहीं करती '।

 

निरीह मूर्ख हैं वे लोग,

जो कहते हैं-

'सरकारें कुछ नहीं करती'।

Dani mohalla brahmbad, tehsil bayana , dist- bharatpur, Rajasthan-321410

sapangarg019@gmail.com, Mo+91 70622 73970


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