वर्ष- 8, अंक- 1 आप को जो भी मिला है,उसका अधिक मूल्यांकन न करें और न ही दूसरों से ईर्ष्या करें।वे लोग, जो दूसरों से ईर्ष्या करते हैं,उन्हें मन को शांति कभी प्राप्त नहीं होती। - गौतम बुद्ध
गिरीश पंकज की गज़लें , भावना सक्सैना का लेख,वृन्दावन लाल वर्मा की कहानी शरणागत और कमला निखुर्पा के हाइकु प्रभावशली हैं कथाएँ एवं प्रसंग ताज़गी का अहसास कराते हैं। रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
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गिरीश पंकज की गज़लें , भावना सक्सैना का लेख,वृन्दावन लाल वर्मा की कहानी शरणागत और कमला निखुर्पा के हाइकु प्रभावशली हैं कथाएँ एवं प्रसंग ताज़गी का अहसास कराते हैं। रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
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