मासिक पत्रिकाः वर्ष-3, अंक-4, उदंती.com-दिसम्बर 2012
हर अवसर और हर
अवस्था में जो अपना कर्तव्य दिखाई दे उसी को धर्म समझ कर पूरा करना चाहिए -गीता
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प्रकृति:घोंसला सजाने वाला बॉवर बर्ड आपके पत्र/मेल बॉक्स
1 comment:
आद . रत्ना जी ,पहली बार आपकी पत्रिका से रू -ब-रू हुई ....बहुत अच्छा लगा अंक ...हार्दिक बधाई .....!!
' हरकीरत 'हीर'
गुवाह़ाटी (असाम )
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