चित्रः राघव वर्मा |
सबसे जीवित रचना वह है जिसे पढ़ने से प्रतीत हो कि लेखक ने अंतर से सब कुछ फूल सा प्रस्फुटित किया हो। -शरत्चन्द्र
लघुकथा विशेषलघुकथा: संचेतना एवं अभिव्यक्ति - रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
दुआ, नींद - रमेश बतरा
ज़िंदगी, बेटी का ख़त - सुकेश साहनी
बीमार, सहयात्री - सुभाष नीरव
छोटे बड़े सपने, कट्टरपंथी - रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
टूटी ट्रे, असली मुजरिम - श्याम सुन्दर अग्रवाल
खेलने के दिन, अनर्थ - कमल चोपड़ा
बेडिय़ाँ - डॉ. पूरन सिंह
सच झूठ, हद - डॉ. श्याम सुंदर 'दीप्ति'
पहला संगीत - अखिल रायजदा
माँ, तोहफा - प्रेम गुप्ता 'मानी'
रब करदा है सो, रोशनी - मुरलीधर वैष्णव
माँ, युग परिवर्तन, मासूम अपराध - ऋता शेखर 'मधु'
जहर की जड़ें, निर्मल खूबसूरती - बलराम अग्रवाल
मर्यादा, बेखबर - डॉ. सुधा ओम ढींगरा
मुआयना, आश्वस्त, गम - हरदर्शन सहगल
अप्रत्याशित, विकल्प - शकुंतला किरण
21वीं सदी का सपना, स्त्री का दर्द - अमर गोस्वामी
निरुत्त्तर, बोकरा भात - के. पी. सक्सेना 'दूसरे'
प्रॉब्लम चाइल्ड, सच - शेफाली पाण्डेय
मेरे अपने, इस बार - कमलेश भारतीय
अंतहीन सिलसिला, सर्वशक्तिमान, कारण - विक्रम सोनी
फेलोशिप, स्वाद - दीपक मशाल
अन्धा, पीड़ान्तर, मूल्यांकन, बेकार - आलोक सातपुते
सदुपयोग, समय चक्र, दो रुपये का अखबार - बालकृष्ण गुप्ता 'गुरु'
एक सच्ची रिर्पोट, भूकंप पीडि़त - महेश राजा
भूकंप, बाहर का मोह - डॉ. करमजीत सिंह नडाला
खलल - आशीष दशोत्तर
मानव धर्म, दीया तले - सुरेश शर्मा
कागज की किश्तियाँ, रिश्ते - डॉ. अशोक भाटिया
भूख, मिट्टी तेल और मेरिट - रवि श्रीवास्तव
अमंगल, बीस जोड़ी आँखें, मिसाल - डॉ. शील कौशिक
फीस, बड़ा होने पर - गंभीर सिंह पालनी
आवरण चित्र: राघव वर्मा
2 comments:
sabhi sammanit rachnakaaro ko hardik hardik badhai aur shubh kamanye
यहाँ अनेक लघुकथाकारों के रचना संसार से परिचित हो बड़ा अच्छा लगा। बधाई है।
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