इस अंक में
अनकहीः कुरीतियों का
अंत कैसे हो? - डॉ.
रत्ना वर्मा
होली पर विशेषः रंगों
की बौछार का आनंद - रमेशराज
कविता- 20 मार्च गौरैया
दिवसः नीड़ बना ले - शशि पाधा
होली पर विशेषः नर-सिंह
अवतार का व्यावहारिक पक्ष - प्रमोद भार्गव
कविता- 8 मार्च महिला
दिवसः नारी तो सृजन है - प्रणति ठाकुर
कविताएँः 8 मार्च महिला दिवसः ग्रामीण स्त्रियाँ - हरभगवान
चावला
30 मार्च- रामनवमीः
रामचरित मानस में पर्यावरण-संरक्षण - डॉ. लालचन्द गुप्त ‘मंगल’
यात्रा वृत्तांत- स्मृतियों में
बैंगलोरः जैसे बाग- बगीचे के झुरमुठ में
झाँकना... - विनोद साव
कविता- 8 मार्च महिला
दिवसः सोई हुई औरतें - डॉ. शिप्रा मिश्रा
ललित लेखः चिठ्ठी आई है... - प्रियंका गुप्ता
18 मार्च- वैश्विक
पुनर्चक्रण दिवसः प्लास्टिक प्रदूषण के समाधान के लिए वैश्विक संधि
बाल कविता- 22 मार्च
विश्व जल दिवसः पानी जीवन का आधार - डॉ. कमलेन्द्र कुमार
प्रदूषणः सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध
मिलेट्स का
अंतर्राष्ट्रीय वर्षः मोटे अनाज से सुधरेगी दुनिया की सेहत - अपर्णा विश्वनाथ
स्वास्थ्यः भविष्य के लिए मोटा अनाज - डॉ. डी. बालसुब्रमण्यन
व्यंग्यः रामगढ़ में
गब्बर-गान - जवाहर चौधरी
लघुकथाः ख़ूबसूरती
- डॉ. उपमा शर्मा
कविता- 8 मार्च महिला दिवसः बोनसाई स्त्री - डॉ. शुभ्रा मिश्रा
पुण्य तिथि- 4 मार्चः शिवरीनारायण और ठाकुर जगमोहन सिंह - प्रो.
अश्विनी केशरवानी
5 comments:
होली विशेषांक के इस अच्छे अंक की बधाई।
रत्नाजी आप बहुत मेहनत करती हैं। लगभग सभी विधाओं की रचनाएं पढ़ी। बहुत अच्छा लगा। मेरी ढेर शुभकामनाएं आपके लिए
सभी विद्वत्जनों को होली की हार्दिक शुभकामनाएँ।सुन्दर होली विशेषांक के लिए आदरणीय रत्ना जी को अनेकानेक बधाइयाँ।
एक अच्छे अंक के लिए बहुत बधाई
मेरी रचना को स्थान देने के लिए बहुत आभार आपका
विगत अंकों की भांति यह उदंती का यह होली अंक भी लाजवाब।
रचना को स्थान देने हेतु आभार
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