उदंती.com मार्च- 2020
वर्ष- 12, अंक- 8, मार्च- 2020
सुबह की नींद इंसान के इरादों को कमजोर करती है, मंज़िलों को हासिल करने वाले कभी देर तक सोया नहीं करते। वो आगे बढ़ते हैं जो सूरज को जगाते हैं। वो पीछे रह जाते हैं जिनको सूरज जगाता है। -स्वामी विवेकानन्द
व्यंग्यः रचना प्रकाशन के सोलह संस्कार -बी.एल.आच्छा वर्ष- 12, अंक- 8, मार्च- 2020
सुबह की नींद इंसान के इरादों को कमजोर करती है, मंज़िलों को हासिल करने वाले कभी देर तक सोया नहीं करते। वो आगे बढ़ते हैं जो सूरज को जगाते हैं। वो पीछे रह जाते हैं जिनको सूरज जगाता है। -स्वामी विवेकानन्द
जीवन दर्शनः होली- उल्लास एवं उमंग का उत्सव -विजय जोशी
उदंती.com के आवरण
पृष्ठ पर इस बार डॉ. सुनीता वर्मा का एक्रेलिक रंग से बना चित्र प्रस्तुत
है। हम छत्तीसगढ़ वासियों के लिए यह गौरव की बात है कि चित्रकला के क्षेत्र में
राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुकी डॉ. सुनीता को छत्तीसगढ़ सरकार की अनुशंसा
पर भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के तहत ललितकला अकादमी (राष्ट्रीय कला
संस्थान) का जनरल काउंसिल मेंबर मनोनीत किया गया है। भिलाई डीपीएस स्कूल में आर्ट
टीचर के रूप में कार्यरत सुनीता का पता है- फ्लैट नंबर २४२, आर्किड अपार्टमेंट ११,
ताल पुरी, ब्लाक – बी, भिलाई छत्तीसगढ़। मोबाइल
नंबर- ९४०६४२२२२२

1 comment:
हर बार नया,उत्कृष्ट रूप लेकर उदंती का अंक प्राप्त हो रहा है। सरल,सहज भाषा में रत्ना वर्मा जी का सम्पादकीय समसामयिक जानकारी देता मन को लुभा लेता है।
रंग बिखेरता आवरण पृष्ठ बहुत सुंदर है।
सभी आलेख शिक्षाप्रद, ज्ञानवर्धक ,प्रेरणादायी हैं।
कोरोना वायरस में राजनीति का कुत्सित रूप, नारी की पूजा कहाँ होती है , क्यों कुछ क्षेत्रों में महिलाओं से अधिक पुरुष हैं में चौंकानेवाले तथ्य हैं तो बाबा मायाराम राम जी के आलेख संथाल आदिवासी बच्चों का स्कूल में विस्तृत प्रेरक जानकारी दी गई है।धरोहर में शशि पाधा जी का संस्मरण माश्की काका अत्यंत रोचक है। बरसों पहले बचपन में हम भी मश्क के पानी -छिड़काव का आनन्द लेते थे।ही.एल.आच्छा जी का व्यंग्य सटीक अत्युत्तम है।
मलाल,मोतियाबिंद उत्कृष्ट लघुकथाएँ।
दोनों कविताएँ सुंदर है। ग़ज़ल में गाँव के मर्मस्पर्शी दर्द का वर्णन है।
जेन्नी शबनम जी का सुंदर आलेख फाँसी का फाँस में हमारी लचर न्यायिक व्यवस्था पर करारी चोट है जिसमें सुधार की आवश्यकता है।मैं लेखक कैसे बना तथा
निशांत एवं विजय जोशी जी के आलेख प्रेरणादायी,शिक्षाप्रद हैं
इतनी सारी उत्कृष्ट रचनाएँ देने के लिए हार्दिक बधाई डॉ.रत्ना वर्मा जी। ईश्वर करे यह उत्कृष्टता बनी रहे।मेरी कविता को स्थान देने के लिए आभार ।
अशेष शुभकामनाएँ ।
सुदर्शन रत्नाकर
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