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May 22, 2013

उदंती .com,मई 2013

उदंतीः मई 2013

हर कोई इस संसार को बदल डालने के विषय में सोचता है; किन्तु स्वयं को बदल डालने के विषय में कोई भी नहीं सोचता।   
             - लियो टॉल्स्टाय





प्रेरकः एक बेमेल इंसान                        

2 comments:

मनोज अबोध said...

बहुत बहुत बधाई रत्‍ना दी । उदन्ति बहुत सुंदर निकाल रही हैं आप ।

हरकीरत ' हीर' said...

पहले भी देखा था ...सभी सामग्री बहुत ही उत्कृष्ट लगी ...डॉ मिथिलेश जी के हाइकू , विजय अरोड़ा जी की कवितायें ,ज़ाहिर कुरेशी जी की गज़लें अच्छीं लगी ...बधाई ...!!