मासिक पत्रिकाः उदंती.com-जनवरी 2013
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यदि स्त्रीत्व असुरक्षित होगा तो
संसार में जो न हो जाए थोड़ा है।
- वर्जीनिया वुल्फ
आवरण चित्रः
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यदि स्त्रीत्व असुरक्षित होगा तो
संसार में जो न हो जाए थोड़ा है।
- वर्जीनिया वुल्फ
150वीं जयंती: अपनी शक्ति को पहचानो - स्वामी विवेकानंद
मंथनः एक दीप जल चुका है एक आप भी जलाएँ - डॉ.कौशलेन्द्र मिश्रा
विज्ञान : गॉड पार्टिकल का -चक्रेश जैन
मंथनः एक दीप जल चुका है एक आप भी जलाएँ - डॉ.कौशलेन्द्र मिश्रा
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जीवन शैली: धन कमाने में बिक गई नींद हमारी -डॉ. महेश परिमल
कविता: दामिनी के लिए - आशा भाटी
नया सालः दुनिया खत्म नहीं होगी- त्र्यम्बक शर्मा
कुदरतका करिश्मा: ऑर्किड के फूल
मिसालः ऐसा साहस सबको दिखाना होगा
कविता: दामिनी के लिए - आशा भाटी
नया सालः दुनिया खत्म नहीं होगी- त्र्यम्बक शर्मा
कुदरतका करिश्मा: ऑर्किड के फूल
मिसालः ऐसा साहस सबको दिखाना होगा
आवरण चित्रः
वंदना परगनिहा: उदंती के मुख्य पृष्ठ पर प्रकाशित यह पेंटिंग पिछले दिनों एमजीएम आई
इंस्टीट्यूट में आयोजित नेशनल आर्टिस्ट वर्कशॉप में चित्रकार वंदना परगनिहा ने बनाया है। यह पेंटिंग
उसी दौरान दिल्ली में हुए सामूहिक बलात्कार कांड की शिकार पीडि़ता की व्यथा को
उसकी मौत के बाद श्रद्धांजलि स्वरूप अर्पित किया गया है। इंदिरा संगीत कला विश्वविद्यालय खैरागढ़ से
मास्टर ऑफ फाइन आर्ट्स में डिग्री प्राप्त वंदना अपनी पेंटिंग के जरिए नारी की
भिन्न-भिन्न मनोदशाओं को अभिव्यक्त करने में सिद्धहस्त हैं। वंदना के बनाए कई अन्य
चित्रों को भीतर के पृष्ठों में भी आप देख सकते हैं। वंदना वर्तमान में सेंट्रल
स्कूल डोंगरगढ़ छत्तीसगढ़ में आर्ट टीचर के रूप में कार्यरत हैं। संपर्क: 6/बी, 100 यूनिट, नंदिनी नगर, दुर्ग (छ.ग.) मो. 7587326027, Email- parganiha.vandana@gmail.com
3 comments:
बहुत अच्छा अंक है........ आवरण बहुत प्रभावित करता है.....
उदंती का नया अंक (जनवरी, २०१३) पढ़कर बहुत ख़ुशी हुई. मुख्य पृष्ठ पर प्रकाशित पेंटिंग बहुत प्रभावशाली है जिसमें एक युवा लड़की की अंतर्व्यथा स्पष्ट चित्रित है. इस अंक की सभी सामग्री उत्कृष्ट है. मुद्रित प्रति का इंतज़ार रहेगा. मेरे लेख को यहाँ स्थान देने के लिए आभार.
वन्दना परगनिहा के सभी चित्र मार्मिक मनोदशा को मुखर कर रहे हैं । भविष्य में भी इनकी तूलिका की सर्जन पाठकों तक पहुँचती रहेगी , ऐसा विश्वास है ।
- रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
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