शोहरत की बुलंदी भी पल
भर का तमाशा है
जिस डाल पे बैठे हो वो
टूट भी सकती है
- बशीर बद्र
इस अंक में
अनकहीः पर्यावरण की रक्षा अपने घर से करें - डॉ. रत्ना वर्मा
प्रदूषणः
प्लास्टिक का विकल्प खोजना होगा - अली खान
जलकुंभीः कचरे से कंचन तक की यात्रा - डॉ. खुशालसिंह पुरोहित
प्रकृतिः हवाएँ
हुईं आवारा - प्रमोद भार्गव
मौसमः तपते सूरज के
तेवर - डॉ. महेश परिमल
पर्यावरणः भयावह है वायु प्रदूषण के दुष्प्रभाव -
सुदर्शन सोलंकी
आलेखः कब बदलेगा अपमान का यह तरीका? - डॉ. सुरंगमा यादव
जीव- जगतः ऑरेंज ऑकलीफ- तितली सुन्दरी -
रविन्द्र गिन्नौरे
हाइकुः झील के आँचल में - डॉ. कुँवर दिनेश सिंह
आधुनिक बोधकथा- 6 चट्टे -बट्टे
- सूरज प्रकाश
रेखाचित्रः क्वीनी - कुसुमलता चांडक
कहानीः बाबा जी का भोग - प्रेमचंद
कविताः पेड़ से बातचीत - हरभगवान चावला
व्यंग्यः कृपया फूल न तोड़ें - डॉ गोपालबाबू
शर्मा
पाँच कविताएँः धूल, अनकही, नदी, छलावा, धूप - लिली मित्रा
धरोहरः चलता-फिरता
आम का पेड़ - डॉ. ओ. पी. जोशी
लघुकथाः इतिहास के पन्नों में - पूनम सिंह
लघुकथाः वो तुम न थी - सुमन युगल
किताबेंः बारह खिड़कियों से झाँकते अनुभव - कामिनी रावत
प्रेरकः सुविधाओं की असली कीमत - निशांत
कविताः मैं वही पेड़ हूँ - डॉ. विभा रंजन (कनक)
जीवन दर्शनः पारस्परिक प्रेम का प्रतिसाद -विजय जोशी
आवरण पृष्ठ के चित्रकार
बसंत साहू
7 comments:
पर्यावरण के प्रति जागरूक करते सम्पादकीय एवं अनेक महत्त्वपूर्ण आलेखों से सज्जित सुंदर अंक।बधाई डॉ. रत्ना जी।
उत्कृष्ट संपादकीय तथा आलेख इत्यादि से युक्त बहुत उपयोगी अंक हेतु संपादक महोदया और समस्त सम्मिलित रचनाकारों को हार्दिक बधाई, शुभकामनाएँ।
डॉ. कविता भट्ट शैलपुत्री'
पर्यावण के प्रति सचेत करता बेहतरीन सम्पादकीय एवं ज्ञानवर्धक आलेखों से सुसज्जित उत्कृष्ट अंक। सम्पादक महोदया तथा सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई। सुदर्शन रत्नाकर
सुंदर आलेख एवं सुंदर अंक के लिए हार्दिक शुभकामनाएँ
उदंती. com के आप सजग पाठक हैंl आपके लिखे प्रत्येक शब्द हमारा उत्साह बढ़ाते हैंl हम आपके हृदय से आभारी हैं l
आपका हार्दिक आभार कविता जीl आपने हमारी पत्रिका के लिए हमेशा प्रोत्साहित करने वाले शब्दों से टिप्पणी दे कर पूरी टीम का हौसला बनाए रखा है l आप जैसे प्रबुद्ध और जागरूक पाठकों से ही udanti.com का यह 14 सालों का सफर जारी है l धन्यावाद l
आप सबकी हृदय से आभारी हूँ l udanti.com की निरंतरता आप सब प्रबुद्ध जनों से मिल रहे प्रोत्साहन और रचनात्मक सहयोग से संभव हो पाया हैl ये संग - साथ सदा बना रहे इन्ही शुभकामनाओं के साथ - सादर धन्यवाद l
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