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Oct 1, 2025

उदंती.com, अक्टूबर 2025


 वर्ष 18, अंक- 3


मन की कंदीलें जलीं, भरने लगा उजास। 
अवसादी परिवेश में, लौट रही फिर आस।।
                                            - हरेराम समीप


इस अंक में 

अनकहीः अपनी जड़ों की ओर लौटना होगा - डॉ.  रत्ना वर्मा

पर्व-संस्कृतिः समुद्र-मंथन से अवतरित  लक्ष्मी के रूप में समाई प्रकृति - प्रमोद भार्गव

कविताः 1. दीप क्या है? 2. दीपक जलते रहना - रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’

पर्व- संस्कृतिः छत्तीसगढ़ की दीपावली में मिट्टी कला - डॉ. सुनीता वर्मा

दो कविताएँः 1. दिवाली आई है, 2. एक दिवाली दिल में... - डॉ. कुँवर दिनेश सिंह 

कविताः ज्योति का उत्सव मनाएँ  - डॉ. शिवजी श्रीवास्तव

पर्यावरणः तेज़ आवाज़ और आपके कान - डॉ. डी. बालसुब्रमण्यन, सुशील चंदानी

पर्व संस्कृतिः जाने कहाँ गए वो दिन... - प्रियंका गुप्ता

कविताः क्या रखा है अब इन बातों में - डॉ. कविता भट्ट शैलपुत्री

संस्मरणः पार्क की सुनहरी शाम - जैस्मिन जोविअल

वृद्ध दिवसः  अनुभव का पिटारा है इनके पास - जेन्नी शबनम

दो लघुकथाएँः 1. आम आदमी, 2. और यह वही था - डॉ. शंकर पुणतांबेकर

दो लघुकथाएँः 1. मकान, 2. संतू  - श्याम सुन्दर अग्रवाल

पंजाबी कहानीः विषधर - बचिंत कौर - अनुवाद : सुभाष नीरव

कविताः आत्मदीप - हरिवंशराय बच्चन 

व्यंग्यः अमीर बचाइए, सिस्टम बचेगा - जवाहर चौधरी  

नज़्में: दीवाली के दीप जले - फ़िराक़ गोरखपुरी

 किताबेंः ‘कुछ रंग’ ग्राम्य जीवन की संवेदनाओं का रंगमंच -  पूनम चौधरी

 कविताः जगमग जगमग - सोहन लाल द्विवेदी

7 comments:

  1. Anonymous01 October

    उम्दा अंक

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  2. दिवाली का उजास फैलाता, प्रकाशमय अंक!

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  3. Shashi Padha02 October

    सुंदर अंक । दिवाली की शुभकामनाएँ

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  4. डाॅ. कुँवर दिनेश02 October

    बहुत सुंदर अंक! हार्दिक बधाई!🎊

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  5. एक और सशक्त अंक जो दीपावली की रोशनी से जगमग है-शुभकामनाएँ। बेहतरीन आलेख , लघुकथा और कविताएँ प्रासंगिक हैं।

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  6. Anonymous06 October

    विभिन्न विधाओं में दिवाली के दीपकों के प्रकाश को प्रज्वलित करता बेहतरीन अंक। सम्पादक मंडल एवं सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई ।सुदर्शन रत्नाकर ।

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  7. Dr. Ratna Verma06 October

    हमेशा की तरह आप सभी ने इस अंक को भी सराहा और प्रोत्साहित किया है।आपके उत्साह से भरे शब्द हमारे लिए ऊर्जा का काम करते हैं ।हमारी हमेशा यही कोशिश रहती है कि प्रति माह आपको बेहतर रचनाएँ दे सकें ।आप सभी का हार्दिक धन्यवाद एवं आभार।

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