दुनिया भर के दैनिक आहार में टमाटर का एक जरूरी घटक बन जाना एक दिलचस्प कहानी है। योलांडा इवांस ने नेशनल जियोग्राफिक पत्रिका के 5 जून, 2025 के अंक में मिथकों और लोककथाओं के माध्यम से टमाटर के बढ़ते चलन के बारे में लिखा है और बताया है कि कैसे टमाटर हमेशा से एक लोकप्रिय सब्जी नहीं था।
एक समय था जब इन्हें दुष्ट, बदबूदार और ‘ज़हरीला सेब’ माना जाता था। इन्हें अंधविश्वास और बीमारी से जोड़कर देखने का प्रमुख कारण यह था कि तांबे के बर्तनों में रखने पर इनकी अभिक्रिया लेड से होती थी। न्यू जर्सी के सलेम के किसानों द्वारा टमाटर पकाने के लिए एक अधिक उपयुक्त बर्तन के इस्तेमाल ने अमेरिका में लोगों की राय बदल दी।
टमाटर भारत की देशज वनस्पति नहीं थी; बल्कि ये 15वीं शताब्दी में पुर्तगाली व्यापारियों के साथ यहाँ आई थी। फिर 16वीं शताब्दी में ब्रिटिश उपनिवेशवादियों ने इन्हें अपनाया, और पूरे देश में इनकी खेती शुरू की और इन्हें अपने भोजन में शामिल किया; लेकिन लोग तब भी टमाटर को लेकर एहतियात बरतते थे। जैसा कि स्वतंत्र पत्रकार सुश्री सोहेल सरकार ने लिखा है, 1938 में चिकित्सक डॉ. तारा चितले और उनके सहयोगियों ने लोगों को सर्दी-ज़ुकाम, स्कर्वी और आयरन की कमी के इलाज में टमाटर के फायदों के बारे में समझाने की कोशिश की थी; लेकिन लोगों की प्रतिक्रिया ठंडी ही रही।
बदलाव आखिरकार तब आया, जब ज़्यादा से ज़्यादा यात्रियों ने हमारे आहार में टमाटर शामिल करने की सिफारिश की, और भारत में राष्ट्रीय पोषण संस्थान के विशेषज्ञों ने हमारे दैनिक आहार में विटामिन और खनिजों के महत्त्व और टमाटर में इनकी प्रचुरता के बारे में बताया।
स्वास्थ्य लाभ- वनस्पति विज्ञान में टमाटर को एक फल माना जाता है। कैलिफोर्निया की आहार और जन स्वास्थ्य विशेषज्ञ सुश्री सिंथिया सास ने भी सेहत के लिए टमाटर के फायदे बताए हैं। इनमें से कुछ फायदे हैं - टमाटर एंटीऑक्सीडेंट से समृद्ध फल है, जो हृदय और मस्तिष्क को स्वस्थ रखते हैं। टमाटर का अधिक सेवन उच्च रक्तचाप को कम करता है (वरिष्ठ नागरिक ध्यान दें)। टमाटर में मौजूद सेल्यूलोज़ रेशेदार पदार्थ कब्ज की दिक्कत को दूर रखते हैं। टमाटर में लाइकोपीन नामक लाल कैरोटीनॉयड वर्णक 70 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को अल्जाइमर की समस्या से बचने में मदद कर सकता है। सुश्री सास की सलाह है कि टमाटर पकाने से पहले यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि वे अच्छी तरह से धुले हुए हों और धूल-जनित कीटाणुओं से मुक्त हों।
टमाटर की खेती पूरे भारत में की जाती है, और प्रति एकड़ 5,000 से 10,000 पौधे लगाए जाते हैं। तेलंगाना कृषि विश्वविद्यालय के प्रोफेसर जयशंकर का अनुमान है कि भारत में वर्ष 2022-2023 में 210 लाख टन टमाटर का उत्पादन हुआ था, जो चीन (680 लाख टन) के बाद दूसरे नंबर पर था। टमाटर की खेती करने वाले शीर्ष सात राज्य हैं: मध्य प्रदेश, ओडिशा, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, गुजरात और तमिलनाडु। बैंगलुरु स्थित भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान टमाटर की विभिन्न किस्मों पर शोध कर रहा है। इनमें से एक है ‘अर्क रक्षक' जो कि एक रोग-प्रतिरोधी संकर किस्म है। दूसरी है ‘अर्क श्रेष्ठ' जो लंबे समय तक खराब न होने वाले टमाटर की पैदावार के लिए तैयार की जा रही है, ताकि इनका परिवहन (निर्यात) आसान हो सके।
आज, देश का लगभग हर घर अपने भोजन में टमाटर का उपयोग करता है। वर्तमान भारतीय व्यंजनों में टमाटर किसी न किसी रूप में शामिल है- चाहे टमाटर का सूप हो, चटनी हो, सालन हो या रसम, सैंडविच, बर्गर, पिज़्ज़ा हो या फिर सॉस के रूप में।
टमाटर का स्वाद चखने के बाद और यह जानने के बाद कि यह दुष्ट नहीं है, बल्कि इसके कई स्वास्थ्य लाभ हैं, चलिए टमाटर डालकर कुछ पकाएँ और मज़े से खाएँ! (स्रोत फीचर्स) ■
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