एक पल एक दिन को बदल सकता है,
एक दिन एक जीवन को बदल सकता है
और एक जीवन इस दुनिया को बदल सकता है।
- गौतम बुद्ध
अनकहीः छोटे सपने ऊँची
उड़ान - डॉ. रत्ना वर्मा
आलेखः औचित्य खोते वैश्विक
संगठन – देवेन्द्र प्रकाश मिश्रा
नीतिः जनसंख्या वृद्धि दर घट रही है - सोमेश केलकर
आलेखः समाधान में समस्या तलाशते लोग - डॉ. महेश परिमल
संस्मरणः मेरे पिता का डेस्क
- शशि पाधा
विज्ञानः
बड़े शहर अपने बादल बनाते हैं - स्रोत
फीचर्स
बातचीतः मस्तानी आवाज़ की
मलिका उल्लास की नाव में - रचना श्रीवास्तव
कविताः
1.खामोश हवाएँ 2. सोच की लड़ाई - शिखा सिंह
नवगीतः होम करते हाथ जलें - क्षितिज जैन ‘अनघ’
बाल
कहानीः चोरनी - सुधा भार्गव
व्यंग्यः शब्द सुधार गृह - अखतर अली
लघुकथाः जहाँ जागे वहीं सवेरा - डॉ. विभा रजंन
पुस्तकः कैटवॉक वह भी
कबूतर की!!! - अरुण शेखर
प्रेरकः ज़िन्दगी जीने में
और जीवित रहने में बहुत बड़ा अंतर है -निशांत
1 comment:
सुंदर संयोजन. हार्दिक बधाई. सादर
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