लोग नहीं ये मौके हैं
- सुधा राजे
झुक मत सीना तान
उठा सर,
क्या जो कर-पग छाले हैं।
चौकन्ना हो देख हर
तरफ कितने चेहरे काले हैं।
*
तनिक झुका फिर उठ न
सकेगा लोग नहीं ये मौके हैं।
दुनिया वाले कमजोरी
का लाभ उठाने वाले हैं।
*
टूटा तन मन टूटा
जीवन टूटा फूटा भाग्य लिए ,
टूटे नाते साहस फिर
भी बच्चे तीन संभाले हैं।
*
कभी न रोना उनके
आगे तेरे दु:ख पर खुश हो लें
तेरा खुश होना दु:ख
उनको ये प्रतिशोध निराले हैं।
*
कितना भी हो दर्द न
उफ़ कर,
अट्टहास से डरा उन्हें
जिनके हाथों बेवफाई
के चाकू खंजर भाले हैं।
*
तेरा सुख और ख़ुशी
जिसे बेचैन करे नींदे छीने
दे निकाल जीवन से
पगले,
विषकीड़े क्यों पाले हैं।
*
हंसने रोने दोनों
वाली बात कि दावा रहमत का
बहुत जलालत दे घायल
पग आधी रात निकाले है।
*
बहुत खूबसूरत थी
दुनिया जिसके ख्वाबों के कारन
उसके साथ बिता कर
लौटे बचे लबों पर ताले हैं।
*
'सुधा’
वक्त की बेरहमी ने इतना सबक दिया दु:ख से
मैंने उतनी हिम्मत
पाली जितने आंसू ढाले है।
मूल निवासी- दतिया
मध्य प्रदेश, सम्प्रति-
सीनियर एडमिनिस्ट्रेशन ऑफिसर, लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी, फगवाड़ा, पंजाब,
पिन- 144411,
पता- 41-c,
ऑफिसर्स रेजिडेंस अप्पार्टमेंट,
सेक्टर 2, एल पी यू
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