हरियल तोता
- शकुन्तला पालीवाल
आज इतने समय बाद हरियल तोते को जंगल में देख कर सब बहुत खुश हुए। हरियल तोता
जब छोटा था तभी उसके माता पिता गुजर गये थे,
मगर उसे सभी जंगलवासी बहुत प्रेम करते थे। चाहे मीकू खरगोश हो या
भोलू भालू, नटखट गिलहरी हो या जंबो हाथी। वो सबकी आंखों का
दुलारा था, शरारती होने के साथ बहुत होशियार भी था। हर चीज
को बहुत जल्दी समझ जाता और उसे दोहरा कर सबको हैरत में डाल देता। एक दिन वो जंगल
से ऐसे गायब हुआ कि फिर वो कभी नजर नही आया। और आज यूँ अचानक जंगल में उसके आने से
सभी बहुत खुश थे। वैसे तो सभी जंगलवासी बहुत दिनों से बेहद परेशान थे फिर भी सब
खुशी -खुशी हरियल तोते से मिले।
सभी ने एक स्वर में
हरियल तोते को पूछा –“
तुम कहाँ गायब हो गये थे? क्या तुम्हें हमारी कभी याद नही
आयी?”
हरियल तोते ने बोलना शुरू किया - “एक रात जब में अपने कोटर में सो रहा था तब कुछ शिकारियों ने मुझे दबोच
लिया, वो मुझे कैद कर के ले गये। बाद में उन्होंने मुझे एक
आदमी को बेच दिया। उसने मुझे इंसानों की तरह बोलना सिखाया, मैंनें
सब कुछ बहुत जल्दी ही सीख लिया। वो छुट्टियों में किसी हिल स्टेशन या जंगल घूमने
जाता, तो मुझे भी अपने साथ ले जाता। वो कहता कि शहरों में
प्रदुषण बहुत बढ़ गया है और जंगल में शुद्ध और ताजी हवा मिलती है।“ मुझे भी जंगल की खूब ही याद आती थी। आखिर एक दिन मौका पाकर मैं जंगल लौट
आया। अब मैं तुम सबके साथ यही रहूँगा। उसकी बात सुनकर सभी बहुत खुश हुए। लेकिन उन
सब की खुशी के पीछें छिपे उदास चेहरे को हरियल तोता जल्द ही पहचान गया।
वो बोला - “तुम सब किसी बात से उदास दिखाई दे रहे हो,
क्या बात है?”
सभी ने टालने की कोशिश करते हुए
कहा - नहीं, नहीं ऐसी कोई बात नहीं है। लेकिन हरियल तोता अड़
गया, कहने लगा -अगर तुम मुझे नहीं बताओगे तो मैं यहाँ नही
रहूँगा।
थक -हारकर झबरू तेंदुए ने
बोलना शुरू किया –“दोस्त, हम सभी इंसान
की वजह से खतरे में है, वो जंगल तक पहुँच गया है, उसको अपने लिए घर बनाने है तो वह जंगल खत्म कर रहा
है और जब हम कही घूमते या पानी पीते दिख जाते है ,तो वह हमें
निशाना बनाता है, मेरे भाई को तो उसने मार ही दिया। जब हम
उसके घर में नही घुसते तो क्यों वह हमारे घरो में घुसता है? यह
कहते हुए वह फूट- फूटकर रोने लगा। उसे रोता देख सबकी आँखें
नम हो गयी। हरियल बोला- ’’ मैं अपने मालिक के घर रोज टी.वी.
देखता था और रेडियों भी सुनता था, इससे मुझे देश -विदेश की सब खबरे मिलती थी, टी.वी. में बताया गया कि
इंसानों की जनसंख्या बड़ी तेजी से बढ़ रही है...
उसकी बात बीच में काटते हुए जंबो हाथी बोला, “वो अपनी
जनसंख्या बढ़ा कर हमारे घर क्यों खत्म कर रहा है, यह कुदरत
सबकी माता है, अकेले उस इंसान की नहीं। उसने कितने हरे भरे
पेड़ काट दिये, और जानते हो, तुम्हारे
माता-पिता की मौत के जिम्मेदार भी ये इंसान ही है। इन्होनें न जाने कितने पंछियों
को मारा और कितनों को अनाथ किया’’? यह सुन कर नीलू मोर की
आँखों में भी आँसू आ गए। वह बोला- इस इंसान की वजह से ही
मेरी पत्नी मर गयी।
इस बात से हरियल
बहुत दुःखी हुआ। वह हिम्मत जुटाकर बोला- नीलू मामा, तुमको तो इंसान ने राष्ट्रपक्षी घोषित किया है।
नीलू मोर ने
आश्चर्य से पूछा-“ ये
राष्ट्रपक्षी का क्या मतलब होता है?” सबने हैरानी से हरियल
की ओर देखा।
इस पर हरियल बोला-“अगर कोई मोर का शिकार करता है, तो उसे कड़ी सजा मिलती है, मोर का शिकार करना कानुनन
अपराध है।”।
ये बात सुनकर सभी
को बहुत आश्चर्य हुआ। नीलू मोर बोला – “लेकिन जिसने मेरी पत्नी को मारा, वो शिकारी तो मुझे
आए दिन इसी जंगल में
घूमता नजर आता है, उसे अभी तक कोई सजा
क्यों नहीं मिली?” इस पर सभी हरियल की ओर ताकने लगे।
हरियल बोला-“अरे, आप मेरी बात का
विश्वास कीजिए, इंसान
जन सुनवाई कार्यक्रम करता है, जिसमें कोई भी जाकर अपनी
शिकायत दर्ज करवा सकता है, और उसकी समस्या का समाधान जल्दी
ही हो जाता है। हालाँकि हम अपनी बात उस इंसान तक पहुँचा रहे
है ,जिसने हमारे घर उजाडे़ है, मगर सभी
इंसान एक जैसे नहीं होते, कुछ बुद्धिजीवी इंसान हमारी मदद
जरूर करेंगे। उन्होंने हमारे संरक्षण के लिए कई संस्थाएँ
बनाई हैं, मुझे पूरा विश्वास है वो हमारी हालत पर गहराई से
विचार भी करेंगे और कोई न कोई उपाय जरूर करेंगे।”
“हाँ, बेशक” हरियल ने जवाब दिया। तभी भोलू भालू ने हरियल
से कहा- “हम तुम्हें अपना मुखिया बनाते है, तुम हमारी बात जन सुनवाई में पहुँचा दो ।”
भोलू ने कहा यह है हमारी बात-“हे, इंसान , आखिर हमने
तुम्हारा क्या बिगाड़ा? जो तुम हमारा घर उजाड़ देते हो?
जनसंख्या तुम बढ़ाते हो और परिवार हमारे खत्म करते हो, हरे भरे पेड़ काट कर पंछियों के बसेरे उजाड़ देते हो, आखिर क्यों करते हो ऐसा? यह धरती माँ, तुम अकेले की तो नहीं है, हमारा भी बराबर का अधिकार
है, अब भी सँभल जाओ, नहीं तो बाद में बहुत पछताओगे।”
नटखट गिलहरी ने यह
पत्र तैयार कर सबको पढ़ कर सुनाया। सभी ने सहमति से यह पत्र जिम्मेदारी के रूप में
हरियल को सौंपा। नन्हा हरियल जंगलवासियों की समस्या लेकर जनसुनवाई केन्द्र की तरफ
उड़ चला।
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लेखक के बारे में-
जन्म:- 03 मई1986 , उदयपुर (राज.), शिक्षा:- एम. एस.
सी. कृषि जैव प्रौद्योगिकी एवं आणविक जीव विज्ञान, बी. एड., एम. ए. राजस्थानी साहित्य, पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन मेनेजमेंट
संप्रति/कार्यक्षेत्र:-
सहायक कृषि अधिकारी, कृषि विभाग, राजस्थान सरकार। स्वतंत्र लेखन।, साहित्यिक प्रगति:-
अनेक विधाओं पर लेखन (हाइकु
कहानी लेखन, कविता लेखन, लघुकथा लेखन आदि) कविताएँ, लेख एवं लघु कथाएँ पत्र पत्रिकाएँ एवं समाचार पत्र में
प्रकाशित । विभिन्न बाल पत्र-पत्रिकाओं में समय-समय पर बाल कविता व बाल कहानीयाँ
प्रकाशित।, प्रकाशन:- बाल
कहानी संग्रह (एक थी शैलजा), पुरस्कार:- अखिल
भारतीय डॉ. कुमुद टिक्कु कहानी प्रतियोगिता-2017 में श्रेष्ठ कहानी पुरस्का।, प्रसारण:- आकाशवाणी
उदयपुर द्वारा विविध विषयों पर कृषि संबंधी वार्ताएँ प्रसारित। सम्पर्क: 448
शास्त्री सर्किल, उदयपुर-313001 (राज.), मोबाइल- 07877354547 , ई मेल:- skys4shakku@gmail.com
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