अगले 5 वर्षों में जीवन को
नया आयाम देने के लिए क्या करें?
निशांत मिश्रा
जीवन जीनाः
अपनी ज़रूरतें कम कीजिए। मात्रा को नहीं बल्कि गुणवत्ता को प्राथमिकता दीजिए।
अपना हैल्थ चैक-अप नियमित रूप से कराइए। किसी गंभीर रोग के बारे में जितना
पहले पता चले उतना ही बेहतर।
नई हॉबीज़ डेवलप कीजिए। वे आपको जीवन में बहुत आगे तक सक्रिय बनाए रखेंगी।
श्रेष्ठ पुस्तकें पढ़िए। वे चीज़ों को देखने के आपके नज़रिए को बदल देंगी।
अपने अगले दिन की प्लानिंग पहले से कीजिए। इससे आपको हर काम को सुनियोजित
तरीके से करने की सुविधा होगी।
सीखते रहनाः
अपनी भीतरी शक्तियों को पहचानिए। फिर उनका उपयोग करने के तरीके खोजिए।
लेखन या भाषण कला में निपुण बनिए। सबसे अच्छा तो यही होगा कि आप इन दोनों को
एक साथ साधिए।
हर चमकती चीज़ के पीछे मत भागिए। तभी आप महत्त्वपूर्ण वस्तुओं और विचारों पर
फ़ोकस कर पाएँगे।
लोगों से उनके जीवन की कहानियाँ सुनिए। उनसे आपको जीवन जीने के सबक मिलेंगे।
दूसरों की ग़लतियों और मूर्खताओं से सीखिए। खुद ग़लतियाँ करके सीखते रहने के
लिए ज़िंदगी बहुत छोटी है।
धन-संपत्तिः
सभी बिल समय से चुकाइए। अपना पैसा और मानसिक ऊर्जा बचाइए।
जितना कमाएँ, उससे कम में खर्च चलाएँ।
और बचे हुए पैसे का निवेश करें।
खराब ऋण से छुटकारा पाएँ। खास तौर से क्रेडिट कार्ड पर चढ़े उधार को
शीघ्रातिशीघ्र चुका दें।
बही-खाते को जांचना सीखें। फ़ाइनेंशियल स्टेटमेंट्स रुपए-पैसे की भाषा होते
हैं।
कम समय में खूब सारा पैसा कमाने का लालच मत कीजिए। जिस प्लान को सुनकर यकीन न
हो उसे सच मत मानिए।
रिश्ते-संबंधः
लोगों से सम्मान अर्जित कीजिए। कोई भी व्यक्ति बिला वजह आपको मान-सम्मान नहीं
देता।
अपनी ग़लितियों को स्वीकार कीजिए। ग़लतियों को छुपाते रहने पर विश्वसनीयता
समाप्त हो जाती है।
मौजूदा संबंधों की कद्र कीजिए। संबंधों को बनाए रखिए, उन्हें टूटने से बचाइए।
प्यार करने का हौसला रखिए। कुछ लोग हमेशा प्यार के काबिल बने रहते हैं.
साथ छोड़ने की हिम्मत बाँधए। कुछ लोगों को साथ छोड़कर जाने देने में ही सबकी
भलाई होती है।
मन-ध्यानः
सोशल मीडिया के ‘लाइक्स’ के जाल में मत फँसिए। यह नशे की तरह खतरनाक हो सकता
है।
कभी-कभार अकेले भी रहिए। अकेले कुछ समय बिताकर आप अपने विचारों को सुलझा सकते
हैं।
ध्यान कीजिए। किसी तरकीब वाला ध्यान नहीं, बस शांत बैठिए,साँस लीजिए, भीतर देखिए, खुद को बदलिए।
उन बातों पर फ़ोकस कीजिए जिनपर आपको नियंत्रण हो। यही प्रोडक्टिव बनाए रखता है।
अकारण ही प्रसन्न रहने को अपना स्वभाव बनाएँ। सुनने में अजीब लगता है लेकिन
काम बखूबी करता है। (हिन्दी ज़ेन से)
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