विश्वास की शक्ति
- विजय जोशी
(पूर्व ग्रुप महाप्रबंधक, भेल, भोपाल)
जीवन में विश्वास बड़ी निधि है। अविश्वास का वातावरण न केवल कुशंकाओं को जन्म देता है, अपितु सारे
प्रयत्न व्यर्थ कर देता है। अतएव जो कार्य तय किये जाएँ वे हों पूरे आत्मविश्वास
और संकल्प के साथ। असल बात ही यह है कि जब तक आपकी आत्मा में विश्वास की पैठ नहीं
होगी, कार्य के प्रति
समर्पण एवं निष्ठा का उद्भव भी नहीं होगा। तब आपके हाथ मे लिया गया काम मात्र एक
औपचारिकता में परिवर्तित हो जाएगा। बेमन से किये काम में परफेक्ट वाला भाव कभी
नहीं आ पाएगा ।
एक बार एक प्रांत में वर्षा नहीं हुई।
लोग परेशान हो गए। इसका प्रभाव मौसम के अतिरिक्त खेती पर भी होने लगा। आगत अकाल की
आशंका लिये हुए था। तब अंतिम उपाय के रूप में लोगों ने सोचा कि क्यों न उस परम
पिता से रक्षा हेतु गुहार लगाई जाए।
तदनुसार उन्होंने
पादरी से एक प्रार्थना सभा आयोजित करने हेतु निवेदन किया। पादरी ने हामी भरते हुए
सबको अगले ही रविवार नियत समय पर ईश्वर में पूरी आस्था रखते हुए चर्च में आने हेतु
आमंत्रित किया।
नियत तिथी को
चर्च का सभागृह लोगों से खचाखच भर गया। तभी पादरी का पदार्पण हुआ। उसने सबको
संबोधित करते हुए पूछा - आप में से कितनों को ईश्वर पर सचमुच में विश्वास है।
सब ने हामी में
हाथ उठा दिए।
पादरी प्रसन्न हो
गए और अगले पल ही उनका प्रश्न था -तो फिर आप में से कितने लोग अपने साथ छाता लेकर
आए हैं, ताकि जाते समय भीगना ना पड़े। ऐसे सारे लोग जिनका ईश्वर पर अटल विश्वास है वे
सभी सहमति में हाथ उठा दें।
पूरे सभा में
सन्नाटा छा गया। कोई भी अपने साथ छाता लेकर नहीं आया था। तभी एक छोटे से बच्चे ने
अपना हाथ उठाया। उसके दूसरे हाथ में एक नन्हा- सा छाता था।
पादरी बोले -जब आपका
उस परमपिता में विश्वास ही नहीं तो फिर प्रार्थना भी कैसी। आप सबसे विन्रम निवेदन
है कि कृपाकर सभागृह को छोड़ दें ,केवल उस बच्चे को छोड़कर। अब केवल हम दोनों साथ
मिलकर प्रार्थना करेंगे।
बात का सारांश
इतना भर है कि अविश्वास के वातावरण में किसी फलदायक परिणाम की प्राप्ति लगभग असंभव
हैं। कोई कार्य आरंभ करने के पूर्व पहले स्वयं में विश्वास उत्पन्न कीजिए और एक
बार विश्वास पैदा हो जाए तो फिर निष्ठा, समर्पण, एकाग्रता स्वयं उसके अनुगामी होकर आपके व्यक्तित्व में समाहित हो जाते हैं और
तत्पश्चात कार्य पूरा होना तो मात्र एक औापचारिकता रह जाती हैं। यही है विश्वास की
शक्ति।
सम्पर्कः 8/ सेक्टर-2, शांति निकेतन (चेतक सेतु के पास), भोपाल- 462023, मो. 09826042641,
E-mail- v.joshi415@gmail.com
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