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Feb 1, 2025

कविताः आया वसंत आया वसंत

- सोहनलाल द्विवेदी


आया वसंत आया वसंत

छाई जग में शोभा अनंत।


सरसों खेतों में उठी फूल

बौरें आमों में उठीं झूल

बेलों में फूले नये फूल


पल में पतझड़ का हुआ अंत

आया वसंत आया वसंत।


लेकर सुगंध बह रहा पवन

हरियाली छाई है बन बन,

सुंदर लगता है घर आँगन


है आज मधुर सब दिग दिगंत

आया वसंत आया वसंत।


भौंरे गाते हैं नया गान,

कोकिला छेड़ती कुहू तान

हैं सब जीवों के सुखी प्राण,


इस सुख का हो अब नहीं अंत

घर-घर में छाये नित वसंत।

 

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