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Aug 1, 2023

व्यंग्यः घर में पनपता चूहावाद

  - अख़्तर अली 

पहले घर में एक ही चूहा था और वह किसी प्रकार का नुकसान भी नहीं करता था इसलिए उसके होने को नजरअंदाज कर दिया गया । घर में किसी ने इस बात को गंभीरता से नहीं लिया । मामले को गंभीरता से ना लेना ही गंभीर चूक साबित होती है । चूहा नुकसान नहीं कर रहा था यह हमारा भ्रम था वास्तविकता यह थी कि इस समय वह किसी बड़े नुकसान की योजना बना रहा था । घर के वे लोग जो घर-घर की जानकारी रखते थे इस चूहा नीति को समझने में पूरी तरह असफल रहे। 

तैमूर की हरकतों को जानने में सफल परिवार वाले चूहे की हरकतों को जानने में विफल रहे। हम लोग फेसबुक और व्हाट्सएप में व्यस्त रहे । हम ऑनलाइन थे और वह ऑन द वे था । चूहे ने पूरे घर पर अपने पैर पसार लिए । पहले वह रसोईघर में ही नजर आता था लेकिन अब हाँल, ड्राइंग रूम, बेडरूम, बाथरूम, स्टोर रूम हर जगह चूहे ने पहुँच बना ली थी । हद तो तब हो गई जब हम लोग बिस्तर पर लेटे रहते ठीक उसी समय चूहा हमारे तकिए के नीचे होता।

हम लोग राज्य सरकारों के दिन गिनते रहे और इधर चूहों की गिनती लगातार बढ़ती गई। चूहे एक से दो, दो से चार, और चार से आठ होते रहे और हम लोग देर रात तक गीत संगीत नृत्य और कॉमेडी शो के कार्यक्रमों में मशगूल रहे और सुबह देर तक सोते रहे । बस यही वह समय था जब चूहों ने हमारे घर को खोदना आरंभ कर दिया । हम बेखबर सोते रहे और चूहे बेखबर जागते रहे । अब इस बात पर कोई संशय नहीं था कि घर हमारा लेकिन उस पर चूहों की अघोषित सत्ता स्थापित हो चुकी थी ।

घर में पहले आश्रय लेने एक भूखा चूहा आया फिर आया चूहापन , फिर आई चूहा नीति, चूहा संस्कृति और अब चारों तरफ फैल गया है चूहावाद । नाली के कीड़े भी चूहा संस्कृति के पक्षधर हो गए इस तरह चूहों ने अपनी ताकत का विस्तार कर लिया।

पहले चूहा मुँह निकालकर इधर उधर देखता था कोई नहीं होता तभी वह आगे बढ़ता लेकिन अब उसके हौसले बुलंद हो गए हैं अब वह इधर- उधर देखता नहीं बस सरपट इधर से उधर दौड़ता भागता रहता है। पहले वह हम लोगों को देखता था अब हम लोग उसे देखते हैं । पहले हमारे घर में चूहा घुस आया था अब ऐसा लगता है हम चूहे के घर में आ गए हैं । ऐसा लगता है मानो हम लोगों ने चूहों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है । अब तो मन में यह भी शंका पैदा होने लगी कि कहीं चूहे इस घर के स्वामित्व पर अपना दावा ना पेश कर दे , हम लोग घर में इस तरह रहने लगे मानो या घर हमें चूहों से अनुदान के रूप में प्राप्त हुआ है ।

हम सब तब चौके जब चूहों ने घर में सीरियल धमाके करना शुरू कर दिया । अनाज की बोरी कुतर हमारा अन्न खा लिया, सब्जी और फल की टोकनी उलट दिया, कपड़े काट लिए , दरवाजों और अलमारियों की लकड़ी के हिस्सो को बुरादे मैं तब्दील करने लगे लगे । इस काम में उन्हें पड़ोसियों के चूहों का भी समर्थन प्राप्त होने लगा । इन्होंने बिजली के वायर को काटकर घर को अंधेरे में डूबा दिया। 

घर में आने और जाने के लिए चूहों ने गुप्त मार्ग बना लिए थे जिसे हम लोग कभी समझ नहीं पाए । हमारे घर में क्या कहां रखा है , हम कब घर में होते हैं कब नहीं होते, हम कब सोते हैं कब जागते हैं इन सब बातों की पूरी जानकारी चूहों को थी । चूहों का जबरदस्त नेटवर्क था जिसे हम कभी भेद नहीं सके । कभी- कभी घर में ऐसा चूहा भी दिख जाता था जिसे देख कर विश्वास हो जाता था कि यह इस घर का नहीं है।

चूहा मारने की दवा का इन पर कुछ असर नहीं हो रहा था और न ही ये चूहेदानी में फंस रहे थे। ये प्रशिक्षित और संगठित चूहे थे । चूहों के डर से बिल्लियां अंडर ग्राउंड हो गई थी ऐसा लगता था मानो मेरा घर बिल्ली के लिए प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित हो गया है। बिल्ली को पूरी तरह नियंत्रण में लेने के कारण अब चूहे शेर हो गए थे। 

एक जैसा काम करते- करते शायद चूहे उकता गए थे इसलिये उन्होंने कुछ बड़ा करने की योजना बनाई | अब चूहों कि नज़र धार्मिक पुस्तकों पर थी वे उसे कुतर देना चाहते थे | सुरक्षा की दृष्टि से हमने धार्मिक पुस्तकों को ऊंचाई पर रखा था , इतनी ऊँचाई पर कि हम खुद भी पढ़ने के लिये उसे निकाल नहीं पाते थे | हमारी इस लापरवाही का चूहों ने भरपूर फ़ायदा | धार्मिक पुस्तकों तक पहुँचने के लिये चूहों ने योजना बनाई कि जब तक राजनीति की पुस्तकों को धार्मिक पुस्तकों के पास नहीं लाया जायेगा धर्म की पुस्तकों पर हमला नहीं किया जा सकता | उन्होंने राजनीति की किताबों के ढेर को धकेलते- धकेलते धार्मिक पुस्तकों तक लाया, फिर उस पर चढ़ कर धार्मिक पुस्तकों तक पहुँचे और उसे पूरी तरह कुतर दिया |

हम चूहों की हर हरकत स्वीकार कर सकते थे पर यह काम नाकाबिल बर्दाश्त था | पूरे घर में तनाव था हर सदस्य चूहों के खिलाफ़ बड़ी कार्यवाही चाहता था | सब मेरी तरफ़ आशा भरी दृष्टि से देख रहे थे मैंने उन्हें धैर्य रखने को कहा और वादा किया कि चूहों के खिलाफ़ जल्द बड़ा अभियान चलाया जाएगा, दोषी चूहे बख्शे नहीं जाएँगे | ■■

सम्पर्कः निकट मेडी हेल्थ हास्पिटल, आमानाका, रायपुर ( छत्तीसगढ़ ), मो.न. 9826126781

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