सामान्यतः एक पक्की सड़क चलने में आरामदायक
होती है, लेकिन उस पर कोई फूल नहीं खिलता।
- विन्सेंट वान गॉग
इस अंक में
अनकहीः चलो स्वच्छता की जिम्मेदारी भी निभाएँ - डॉ. रत्ना वर्मा
ललित निबंधः वसंत मेरे द्वार - विद्यानिवास मिश्र
संस्मरणः आनन्द धाम में आनन्द के पल - शशि पाधा
नदी की व्यथाः काश मैं भी अपनी नदी बहनों से मिल पाती - राजेश पाठक
आलेखः जोशीमठ: सुरंगों से हुई तबाही का नतीजा - प्रमोद भार्गव
कविताः गौरा का मैका - डॉ. कविता भट्ट 'शैलपुत्री'
वन्य- जीवनः धनेश पक्षियों का आकर्षक कुनबा - डॉ. डी.
बालसुब्रमण्यन, सुशील
चंदानी
यादेंः मधुबाला-
नज़ाक़त की खूबसूरत सिंड्रेला - डॉ.
दीपेन्द्र कमथान
कहानीः तुम ठीक कहते थे
- सविता मिश्रा 'अक्षजा'
व्यंग्यः मूर्खो से सावधान - अख़तर अली
कविताः प्राणशक्ति -भावना सक्सैना
लघुकथाः टुकड़े-टुकड़े -
चन्द्रशेखर दुबे
लघुकथाः सुहाग-व्रत - शकुन्तला किरण
लघुकथाः औकात - कृष्णानंद कृष्ण
कविताः एक समुद्री लहर- सा - लिली मित्रा
किताबेंः लोक संवेदना में रचे बसे मधुर-कर्णप्रिय लोकगीत
- डॉ. उपमा शर्मा
सॉनेटः प्रेम है अपना अधूरा - प्रो. विनीत मोहन औदिच्य
स्वाथ्यः स्वास्थ्य के लिए ज़रूरी है पर्याप्त निद्रा - डॉ.
आर. बी. चौधरी
जीवन दर्शनः सेवक का सम्मान -विजय जोशी
आवरण चित्रः चित्रकला
के क्षेत्र में डॉ. सुनीता
वर्मा एक जाना पहचाना नाम है। भिलाई छत्तीसगढ़ के
दिल्ली पब्लिक स्कूल में आर्ट टीचर के रुप में कार्यरत सुनीता की कला से आप सभी
परिचित हैं। इस बार उन्होंने अपने चित्र का शीर्षक दिया है - ‘मेरे संगी साथी’। जब उनसे इस चित्र और
उसमें उपस्थित पक्षियों के आकार के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बड़ी खूबसूरती
से इसका जवाब दिया- ‘भारतीय
चित्रकला में रूपों का आकार उसकी कहानी या उसके निहित भावों के अनुसार बनाया जाता
है। मेरे इस चित्र में स्त्री के संगी साथी चिड़िया है इसलिए उसे बड़े आकार में
बनाया गया है।’ उनका पता है- फ्लैट
नं. 242, ब्लाक नं. 11, आर्किड
अपार्टमेंट, तालपुरी, भिलाई
(छत्तीसगढ़), मो. 094064 22222
4 comments:
उत्कृष्ट अंक हेतु आदरणीया डॉ. रत्ना वर्मा जी को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ! सभी रचनाकारों को साधुवाद।
सार्थक अंक के लिए बहुत बधाई
सुंदर अवरण और सुंदर अंक। डॉ. रत्ना वर्मा जी को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ! सभी रचनाकारों को शुभकामनाएं।
खूबसूरत अंक के लिए हार्दिक शुभकामनाएँ ।
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