-जसवीर त्यागी
1, झरे हुए
फूल
डालियों पर खिले
हुए
रंग-बिरंगे
ढेर सारे फूल
देखते ही देखते
आँखों के सामने
झर गये
ह्रदय को बींध जाये
जैसे कोई जंगली शूल
दूर से ही चुभती है
सूनी-सूनी डाल
और झरे हुए फूल।
2. तौल
जिसके आँसू छलक गये
उसका दुःख-दर्द
तौल लिया तुमने
तर्क के तराजू पर
जो कह न सका
जो रो न सका
उसके दुख-दर्द का
वज़न क्या होगा?
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