घिर आए बादल
डॉ. पूर्णिमा राय
1
हम तेरे कायल हैं
साजन आ जाना
घिर आये बादल हैं
2
बादल घिर आए हैं
यादों की गठरी
भर-भर कर लाए हैं
3
यह दिल है दीवाना
राह तकेे नैना
मौसम भी मस्ताना
4
तुम दूर करो गम को
हँसना जीवन है
खत लिख देना हमको
5
खिड़की से झाँक रहा
निर्मोही चंदा
बरबस ही ताक रहा।।
6
बूँदें बन बारिश की
रोता है अम्बर
बू आए साजिश की।।
7
तुम बिन सावन बीते
आना बारिश बन
हम हारे ,तुम जीते!!
8
गुलशन में फूल खिले
सुरभित मन्द हवा
चाहत में हृदय मिले!!
सम्पर्क: ग्रीन एवनियू, घुमान रोड, तहसील बाबा बकाला, मेहता चौंक 143114, अमृतसर (पंजाब), E-mail- drpurnima01.dpr@gmail.com
1 comment:
बहुत खूब दी
Post a Comment