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Nov 19, 2017

तीन बालगीतः

1. चिड़िया मतवाली 

-सुनीता काम्बोज

झूल रही है डाली-डाली
इक छोटी चिड़िया मतवाली

आम लगी वो खाने जैसे
पेड़ कहे -पहले दो पैसे

चिड़िया बोली- ऐसे कैसे
क्या करने हैं पैसे-वैसे

जब चिड़िया घर लगी बनाने
पेड़ कहे -पहले दो दाने

क्या करने हैं दाने-वाने
आई तुमको  गीत सुनाने

पेड़ कहे सुन पंखों वाली
छोड़ न जाना मेरी डाली
          
2. मुझको पंख लगाने दो

मुझको पंख लगाने दो
अम्बर में उड़ जाने दो

मैं तोता बन जाऊँगा
आम रसीले खाऊँगा
मुझको पंख लगाने दो
अम्बर में उड़ जाने दो

मैं चिड़िया बन जाऊँगा
डाली-डाली गाऊँगा
मुझको पंख लगाने दो
अम्बर में उड़ जाने दो

मैं तितली बन जाऊँगा
फूलों पर मँडराऊँगा
मुझको पंख लगाने दो
अम्बर में उड़ जाने दो

मैं कौआ बन जाऊँगा
बैठ मुँडेरे जाऊँगा
मुझको पंख लगाने दो
अम्बर में उड़ जाने दो

3. दादा जी का प्यार


साइकिल मेरी छोटी-सी है
दिखती बड़ी कमाल
सीधी -सीधी चलती लेकिन
कभी बदलती चाल

पहिये इसके काले हैं ये
नीली है कुछ लाल
धोकर इसको मैं चमकाता
रखूँ सदा सँभाल

दादा जी ये जन्म-दिवस पर
लाए थे उपहार
इसमें मुझको दिखता अपने
दादा जी का प्यार

सम्पर्क: मकान नंबर -120 टाइप -3,जिला- संगरूर, स्लाईट लोंगोवाल पंजाब 148106
मो. -09464266415, 09779773491, 
ईमेल- Sunitakamboj31@gmail.com

1 comment:

सुनीता काम्बोज said...

आपने मेरी रचनाओं को उदन्ती में स्थान दिया, इसके लिए तहेदिल से आभारी हूँ, आदरणीया ।