- आदिल रशीद
रूहों ने शहीदों की फिर हमको पुकारा है
सरहद की सुरक्षा का अब फर्ज तुम्हारा है
हमला हो जो दुश्मन का हम जाएँगे सरहद पर
जाँ देंगे वतन पर ये अरमान हमारा है
इन फिरकापरस्तों की बातों में न आ जाना
मस्जिद भी हमारी है, मंदिर भी हमारा है
ये कह के हुमायूँ को भिजवाई थी इक राखी
मजहब हो कोई लेकिन तू भाई हमारा है
अब चाँद भले काफिर कह दें ये जहाँ वाले
जिसे कहते हैं मानवता वो धर्म हमारा है
रूहों ने शहीदों की फिर हमको पुकारा है
सरहद की सुरक्षा का अब फर्ज तुम्हारा है
संपर्क- एफ 53/1, चौथा माला, शाहीन बाग जमिया नगर,
नई दिल्ली-110025 मो. 9811444626
email :aadilrasheed.tilhari
रूहों ने शहीदों की फिर हमको पुकारा है
सरहद की सुरक्षा का अब फर्ज तुम्हारा है
हमला हो जो दुश्मन का हम जाएँगे सरहद पर
जाँ देंगे वतन पर ये अरमान हमारा है
इन फिरकापरस्तों की बातों में न आ जाना
मस्जिद भी हमारी है, मंदिर भी हमारा है
ये कह के हुमायूँ को भिजवाई थी इक राखी
मजहब हो कोई लेकिन तू भाई हमारा है
अब चाँद भले काफिर कह दें ये जहाँ वाले
जिसे कहते हैं मानवता वो धर्म हमारा है
रूहों ने शहीदों की फिर हमको पुकारा है
सरहद की सुरक्षा का अब फर्ज तुम्हारा है
संपर्क- एफ 53/1, चौथा माला, शाहीन बाग जमिया नगर,
नई दिल्ली-110025 मो. 9811444626
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