मासिक पत्रिका वर्ष 2, अंक 10, जून 2012
पर्यावरण दिवस: अगली अचल संपत्ति पानी - एस. अनंतनारायणन
खेती किसानी: कुछ मत करो - वेंडेल बॅरी
प्रेरक कथा: लिबास
पर्यावरण दिवस: तप रही है धरती - के. जयलक्ष्मी
खेती किसानी: सतपुड़ा की अनूठी खेती उतेरा - बाबा मायाराम
ब्लॉग बुलेटिन से: एहसासों के हर कतरे संजोती - रश्मि प्रभा
वाह भई वाह
ग्राम सुराज अभियान: प्राकृतिक संसाधनों से ... - चंद्रशेखर साहू
मिसाल: चंडीगढ़ के अन्नदाता
कालजयी कहानियाँ: सभ्यता का रहस्य - मुंशी प्रेमचंद
लघुकथाएं: 1. बीमार 2. सहयात्री 3. वाकर -सुभाष नीरव
हाइकु: लू के थपेड़े - डॉ. सुधा गुप्ता
हास्य व्यंग्य: 'महा' की महती कथा - प्रेम गुप्ता 'मानी'
सआदत हसन मंटो की कालजयी लघु कहानियाँ
कविता: चौसर - पियूष कुमार मिश्रा
ग़ज़ल: क्या करें - गिरिजा कुलश्रेष्ठ
सेहत: बस दो मिनट में बजेगी खतरे की घंटी
पिछले दिनों
आपके पत्र
रंग- बिरंगी दुनिया
प्रकृति को बुरा-भला न कहो। उसने अपना कर्तव्य पूरा किया, तुम अपना करो। - मिल्टनअनकही: हसना मना है! - डॉ. रत्ना वर्मा
पर्यावरण दिवस: अगली अचल संपत्ति पानी - एस. अनंतनारायणन
खेती किसानी: कुछ मत करो - वेंडेल बॅरी
प्रेरक कथा: लिबास
पर्यावरण दिवस: तप रही है धरती - के. जयलक्ष्मी
खेती किसानी: सतपुड़ा की अनूठी खेती उतेरा - बाबा मायाराम
ब्लॉग बुलेटिन से: एहसासों के हर कतरे संजोती - रश्मि प्रभा
वाह भई वाह
ग्राम सुराज अभियान: प्राकृतिक संसाधनों से ... - चंद्रशेखर साहू
मिसाल: चंडीगढ़ के अन्नदाता
कालजयी कहानियाँ: सभ्यता का रहस्य - मुंशी प्रेमचंद
लघुकथाएं: 1. बीमार 2. सहयात्री 3. वाकर -सुभाष नीरव
हाइकु: लू के थपेड़े - डॉ. सुधा गुप्ता
हास्य व्यंग्य: 'महा' की महती कथा - प्रेम गुप्ता 'मानी'
सआदत हसन मंटो की कालजयी लघु कहानियाँ
कविता: चौसर - पियूष कुमार मिश्रा
ग़ज़ल: क्या करें - गिरिजा कुलश्रेष्ठ
सेहत: बस दो मिनट में बजेगी खतरे की घंटी
पिछले दिनों
आपके पत्र
रंग- बिरंगी दुनिया
1 comment:
उदंती के सभी अंक बहुत ही रोचक और ज्ञान वर्धक होते हैं .हर अंक का बेसब्री से इंतजार रहता है .इस बार के सभी स्तम्भ अच्छे लगे सआदत हसन मंटो जी की लघुकथाओं की लघुकथाओं को पढने का अवसर देने के लिए हार्दिक धन्यवाद.
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