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Jun 18, 2012

प्राकृतिक संसाधनों से परिपूर्ण है हमारा प्रदेश

प्राकृतिक संसाधनों से परिपूर्ण है हमारा प्रदेश

                                                                - चंद्रशेखर साहू
छत्तीसगढ़ राज्य कृषि आधारित राज्य है एवं प्रदेश की 80 प्रतिशत जनता कृषि एवं संबद्ध व्यवसाय से अपना जीवनयापन करती है तथा ग्रामीण जनता के आर्थिक विकास का आधार भी कृषि है। ग्राम सुराज अभियान के पूर्व छ.ग. राज्य में पहली बार अलग से कृषि बजट प्रस्तुत किया गया। इस संबंध में माननीय श्री चंद्रशेखर साहू (मंत्री- कृषि, पशुधन, मत्स्य पालन एवं श्रम विभाग) ने अपने विचार कुछ इस प्रकार व्यक्त किए-
'धान का कटोरा' के नाम से प्रसिद्ध छत्तीसगढ़ राज्य प्राकृतिक संसाधनों से परिपूर्ण है। उर्वरा भूमि, अनुकूल जलवायु एवं मेहनती कृषक हमारे राज्य की पूंजी है। राज्य सरकार के द्वारा प्रदेश के कृषि विकास एवं कृषकों के आर्थिक उत्थान हेतु विगत वर्षो में किये गये प्रयासों के सकारात्मक परिणाम प्राप्त हुए हैं। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा संचालित कृषि योजनाओं के सफल क्रियान्वयन से प्रदेश में वर्ष 2010- 11 में धान का रिकार्ड उत्पादन हुआ जिसके लिए इस राज्य को भारत सरकार द्वारा 'कृषि कर्मण' पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इस उपलब्धि के लिए मैं प्रदेश के कृषकों को बधाई देते हुए अपेक्षा करता हूं कि आगामी वर्षो में वे कृषि विकास के क्षेत्र में नवीन कीर्तिमान स्थापित करेंगे।
कृषि एवं कृषकों के समुचित विकास के लिए राज्य शासन द्वारा प्रदेश में पहली बार अलग से कृषि बजट प्रस्तुत किया गया है। जिसमें कृषि सेवा केन्द्र की स्थापना, श्री पद्धति से धान उत्पादन, राज्य पोषित सूक्ष्म सिंचाई योजना, वन ग्राम के पट्टाधारी कृषकों को नि:शुल्क प्रमाणित बीज एवं उर्वरक मिनीकीट प्रदाय तथा भूमि सुधार हेतु हरी खाद का उपयोग आदि नवीन योजनायें प्रारंभ की गई हैं। इसके अतिरिक्त नये कृषि बजट में वर्ष 2011- 12 में कृषकों से उपार्जित धान में 50 रुपए प्रति क्विंटल बोनस,  एक प्रतिशत सालाना ब्याज में फसल ऋण, सिंचाई पंप कनेक्शन हेतु 75000 रुपए अनुदान सिंचाई पंप में मीटर किराया एवं फिक्स चार्ज समाप्त करने की घोषणा तथा 700 नये उर्वरक गोदाम निर्माण जैसे योजनाओं को शामिल किया गया है।
ग्राम सुराज अभियान 2012 दो चरणों में 18 से 21 अप्रैल एवं 23 से 27 अपै्रल तक आयोजित हुई।

कृषि बजट

ग्राम सुराज अभियान में कृषि विभाग का मुख्य आकर्षण नया कृषि बजट का प्रावधान किया जाना रहा। वर्ष 2012- 13 के लिए 6244 करोड़ का कृषि बजट प्रस्तुत किया गया। जो कि कुल बजट का 17 प्रतिशत है। कृषि बजट में सिंचाई उपलब्धता में विस्तार को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है एवं इसके लिए प्रावधानित राशि में गतवर्ष की तुलना में 16 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। इस प्रकार वर्ष 2012- 13 में समय पर समुचित मात्रा में उर्वरक उपलब्ध कराने एवं धान खरीदी हेतु मार्कफेड एवं नागरिक आपूर्ति निगम को ऋण एवं अनुदान के रूप में 1452 करोड़ रुपए दिया जायेगा। एक प्रतिशत ब्याज दर से ऋण लेकर प्रदेश के 17 लाख कृषक परिवार लाभान्वित होंगें। समय से कृषि कार्य संपन्न कराने एवं मजदूरों की समस्या से निजात पाने के लिए 50 नये कृषि सेवा केन्द्र स्थापित किये जायेगें। कृषकों को रियायती दर पर प्रमाणित बीज उपलब्ध कराने हेतु धान के बीज उत्पादन हेतु देय अनुदान 300 को बढ़ाकर 500 रुपए प्रति क्विंटल तथा वितरण अनुदान 200 रुपए को बढ़ाकर 500 रुपए प्रति क्विंटल किया गया है। दलहन बीज उत्पादन करने वाले कृषकों को 1000 प्रति क्विंटल की दर से उत्पादन अनुदान दिया जायेगा। इससे बीज उत्पादक सहकारी समितियां भी लाभान्वित होंगी।

उद्यानिकी तकनीक

श्री पद्धति, खरीफ एवं रबी पद्धति आधारित, करीब 60 हजार प्रदर्शन डाले जायेगें। उद्यानिकी विकास के लिए नदी के कछार एवं तटों पर खेती करने वाले अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति तथा लघु, सीमांत, सब्जी उत्पादक को उन्नत उद्यानिकी तकनीकी की जानकारी देने एवं प्रोत्साहित करने का प्रावधान रखा गया है। इसी प्रकार गरियाबंद एवं बलरामपुर जैसे अनुसूचित जनजाति बाहुल्य जिलों में नवीन कृषि विज्ञान केन्द्र की स्थापना होगी तथा भाटापारा में नवीन कृषि महाविद्यालय की स्थापना किया जायेगा। पशु पालकों में उद्यमिता विकास को प्रोत्साहन हेतु ऋण भार को कम करने के उद्देश्य से राज्य शासन की ओर से केन्द्र शासन के बराबर क्रमश: 25 एवं 33 प्रतिशत अतिरिक्त अनुदान दिया जायेगा। ग्राम रामपुर, जिला कबीरधाम में नवीन 'बकरी पालन प्रक्षेत्रÓ की स्थापना की जायेगी तथा आगामी शिक्षण सत्र से कामधेनु विश्वविद्यालय प्रारंभ किया जायेगा। सिंचाई विभाग द्वारा निर्मित एनीकटों के जल संग्रहण क्षेत्र में फिंगर लिंग संचयन किया जायेगा तथा सहकारी समितियों को मत्स्याखेट के अधिकार दिये जायेगें इस प्रकार कृषि विभाग की कृषक कल्याणकारी योजनाओं के प्रचार- प्रसार ग्राम सुराज अभियान के दौरान किया गया।

किसान रथ

ग्राम सुराज अभियान का मुख्य आकर्षण विभाग का किसान रथ रहा। प्रदेश के 27 जिले से 4270 ग्रामों में किसान रथ का भ्रमण हुआ एवं हाटबाजार वाले ग्रामों में रथ भ्रमण के साथ- साथ 1393 स्थानों पर किसान सम्मेलन आयोजित हुए जिसमें प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमणसिंह, मंत्री कृषि, पशुधन, मत्स्य पालन एवं श्रम विभाग श्री चंद्रशेखर साहू जिले के प्रभारी मंत्री तथा जिला पंचायत, जनपद पंचायत एवं ग्रामपंचायत स्तर के जनप्रतिनिधियों ने कृषक सम्मेलन में अपनी सहभागिता दी। पंचायत स्तर के करीब 12 हजार,जनपद पंचायत स्तर के 2900 तथा जिला स्तर के 940 जन प्रतिनिधि ग्राम सुराज अभियान में शामिल हुए तथा कृषि विभाग के साथ- साथ अन्य विभाग को मिलाकर करीब 30 हजार अधिकारी/ कर्मचारियों ने ग्राम सुराज में भाग लिया एवं 4 लाख 88 हजार कृषक इससे लाभान्वित हुए हैं।
ग्राम सुराज अभियान के दौरान कृषि विभाग के द्वारा करीब 20 हजार क्विंटल धान बीज तथा 13900 टन उर्वरक कृषकों को उपलब्ध कराया गया एवं 13600 कल्चर पैकेट, 25780 मिनीकीट एवं 7 हजार बीजोपचार औषधि पैकेट का वितरण किया गया।

मिट्टी परीक्षण

कृषि यांत्रिकीकरण को बढ़ावा देने हेतु कुल 7800 हस्त चलित, 586 बैल चलित, 313 शक्ति चलित तथा 1145 अन्य कृषि यंत्र वितरित किये गये। फसल उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि करने के लिए मिट्टी परीक्षण कराने एवं इसके विश्लेषण प्रतिवेदन के आधार पर उर्वरक उपयोग करते हुए खेती करने को प्रोत्साहित करने के लिए ग्राम सुराज अभियान के दौरान करीब 14400 मिट्टी नमूने प्राप्त किये तथा 5755 मिट्टी नमूनों का विश्लेषण किया गया एवं 11390 कृषकों को स्वाईल हेल्थ कार्ड उपलब्ध कराया गया। राज्य सरकार के द्वारा लिये गये निर्णय कृषकों को कृषि कार्य संपादित करने के लिए एक प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर पर अल्पावधि ऋण उपलब्ध कराने को मूर्त रूप प्रदान करने के लिए करीब 18 हजार कृषकों को किसान क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराया गया।

किसान दिवस

 ग्राम सुराज अभियान कृषि विभाग की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के प्रचार- प्रसार के साथ- साथ बीज मिनीकिट, कृषि यंत्र, किसान क्रेडिट कार्ड, विपूल आदि सौगातें कृषकों को प्रदान की गयी। माननीय मंत्री कृषि, पशुधन, मत्स्य पालन एवं श्रम विभाग श्री चंद्रशेखर साहू ने ग्राम सुराज अभियान के सफल आयोजन के लिए कृषकों को शुभकामना प्रेषित करते हुए आशा व्यक्त की कि प्रदेश के किसान भाई आगामी खरीफ एवं रबी में उन्नत कृषि तकनीकी अपनाकर तथा राज्य शासन के योजनाओं का लाभ लेकर अच्छी फसल उत्पादन प्राप्त करेंगे एवं छत्तीसगढ़ राज्य की 80 प्रतिशत कृषि आधारित जनता आर्थिक संबलता प्राप्त करेगी। ग्राम सुराज अभियान के दौरान माननीय मुख्यमंत्री एवं स्वयं के द्वारा अक्षय तृतीया को बीज दिवस के रूप में मनाने के लिए साधुवाद प्रेषित करते हुए आगामी हलषष्ठी को किसान दिवस के रूप मनाने का आह्वान किया।

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