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केले के उपयोग से भला कौन नहीं वाकिफ है। केला जितना गुणकारी है उतने ही काम का भी। अब तो केले के पेड़ से कई उपयोगी चीजें भी बनाईं जा सकतीं हैं ।
केरल कोट्टायम के रसायन विज्ञान के एक सेवानिवृत्त प्रोफेसर वी. मैथ्यू ने दावा किया है कि उन्होंने केले के पेड़ के तने और पत्तियों से एक इको- फ्रेंडली हेलमेट, पानी व तेल फिल्टर जैसी कई उपयोगी वस्तुएं बनाई हैं। मैथ्यू पिछले साल ही एक निजी कॉलेज से सेवानिवृत्त हुए हैं। उन्होंने अपने घर को एक प्रयोगशाला में बदल दिया है, जहां वह और उनके दो इंजीनियर मित्र पिछले आठ सालों से प्रयोग कर रहे हैं। मैथ्यू ने बताया, 'हम केले के तने और पत्तियों को छोटे-छोटे भागों में काटकर उन्हें आपस में मिलाकर और पीसकर उनसे जूस निकालते हैं। इसके बाद इस जूस में एक उत्प्रेरक मिलाया जाता है। फिर इस मिश्रण को गर्म करने के बाद ठंडा होने के लिए रख दिया जाता है। इस तरह एक पेस्ट तैयार हो जाता है, जिससे इको- फ्रेंडली हेलमेट और अन्य वस्तुएं जैसे वाटर- फिल्टर, ऑइल- फिल्टर और एयर- फिल्टर बनाए जा सकते हैं।'
मैथ्यू ने अपने उत्पाद का पेटेंट कराने के लिए आवेदन किया है। वे पेस्ट में मिलाए जाने वाले उत्प्रेरक का नाम नहीं बताते हैं, बल्कि कहते हैं 'यह एक राज है और जब तक हमें पेटेंट नहीं मिल जाता हम इस बारे में खुलासा नहीं करना चाहते।' मैथ्यू द्वारा विकसित किए गए उत्पाद को 'सेल्यूलोज नैनो फाइबर' नाम दिया गया है। 'इस उत्पाद को बनाने के लिए कच्चा पदार्थ केला है और इसकी कोई कमी नहीं होने जा रही है, फल को छोड़कर हम इस पेड़ के हर हिस्से का इस्तेमाल कर सकते हैं। हम देश में और देश से बाहर उद्योगों से संपर्क कर रहे हैं, हमें लगता है कि हमारी खोज का इस्तेमाल होना चाहिए।'
मैथ्यू ने अपने उत्पाद का पेटेंट कराने के लिए आवेदन किया है। वे पेस्ट में मिलाए जाने वाले उत्प्रेरक का नाम नहीं बताते हैं, बल्कि कहते हैं 'यह एक राज है और जब तक हमें पेटेंट नहीं मिल जाता हम इस बारे में खुलासा नहीं करना चाहते।' मैथ्यू द्वारा विकसित किए गए उत्पाद को 'सेल्यूलोज नैनो फाइबर' नाम दिया गया है। 'इस उत्पाद को बनाने के लिए कच्चा पदार्थ केला है और इसकी कोई कमी नहीं होने जा रही है, फल को छोड़कर हम इस पेड़ के हर हिस्से का इस्तेमाल कर सकते हैं। हम देश में और देश से बाहर उद्योगों से संपर्क कर रहे हैं, हमें लगता है कि हमारी खोज का इस्तेमाल होना चाहिए।'
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