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Apr 1, 2022

बाल कविताः मैं भी झूमूँ गाऊँ

- श्याम सुन्दर श्रीवास्तव 'कोमल'


गीत सुनाते पंछी प्यारे,

भौंरे गाएँ गाना ।


मोर नाचता पंख पसारे,

देखो दृश्य सुहाना ।

 

फूल खिले हैं रंग-बिरंगे,

जो सुगंध फैलाते ।

मधु पराग के लोभी भौंरे,

हैं उन पर मँडराते ।

 

आम बौर की भीनी-भीनी,

खुशबू सबको भाती ।

और डाल पर काली कोयल,

गीत सुरीले गाती ।

 

मेरा भी यह मन करता है,

मैं भी झूमूँ गाऊँ ।

कोयल से स्वर और मोर से,

मैं पद-ताल मिलाऊँ ।


सम्पर्कः व्याख्याता- हिन्दीअशोक उ.मा. विद्यालयलहारभिण्ड, (म०प्र०)

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