- डॉ. कमलेंद्र कुमार
हरी गुलाबी नीली पीली,
और लाल पिचकारी।
लिए खड़े हैं राजा बाबू,
रामू ,राज बिहारी।
दिव्या नव्या और भारती,
लिए खड़ी गुब्बारे ।
ताक रहे सब गली सड़क को,
कोई इधर पधारे।
आहट पा गुब्बारे फेकें,
औ' मारी पिचकारी ।
रंग- बिरंगे हुए सभी जन ,
आईं दादी प्यारी ।
साथ लिये वे लड्डू पेड़ा ,
और इमरती सारी।
खुरमी मटरी और पापड़ी,
और सेव नमकीन ।
गरी चिरौंजी वाली गुजिया ,
खा गई पूरी टीम ।
सम्पर्कः रावगंज, कालपी , जालौन, उत्तरप्रदेश – 285204, मो. 9451318138
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