लोग अक्सर यह कहते हैं कि बड़े शहरों का माहौल खुशनुमा नहीं लगता। हम यह भी जानते हैं कि शहरों में, कांक्रीटी निर्माण और इमारतों के कारण वहाँ का तापमान शहरों के आस-पास के इलाकों की तुलना में अधिक होता है। लेकिन हाल ही में पता चला है कि ये बड़े शहर अपने बादलों के आवरण को देर तक बाँधे रख सकते हैं और इनके ऊपर गाँवों की तुलना में अधिक बादल छाए रहते हैं।
विभिन्न
मौसमों के दौरान लंदन और पेरिस के आसमान के उपग्रह चित्रों के अध्ययन से पता चला
कि वसंत और गर्मी की दोपहरी व शाम में शहरों के ऊपर आसपास के छोटे इलाकों की तुलना
में अधिक बादल छाए रहे। ये बादल आसपास के इलाकों की तुलना में 5 से 10 प्रतिशत तक
अधिक थे। ये नतीजे हैरान करने वाले थे क्योंकि आम तौर पर बड़े शहरों में पेड़-पौधे
कम होते हैं जिसके कारण वहाँ का मौसम काफी खुश्क रहता है। इस स्थिति में पानी कम
वाष्पीकृत होगा और बादल भी कम बनना चाहिए।
मामले
को समझने के लिए युनिवर्सिटी ऑफ रीडिंग की नताली थीउवेस ने ज़मीनी आँकड़ों पर
ध्यान दिया। ऐसा क्यों हुआ इसके स्पष्टीकरण में शोधकर्ता बताती हैं कि दोपहर तक
इमारतें (और कांक्रीट के निर्माण) काफी गर्म हो जाती हैं, और उसके बाद ये इमारतें ऊष्मा छोड़ने लगती हैं जिसके कारण
वहाँ की हवा ऊपर उठने लगती है जो हवा में रही-सही नमी को भी अपने साथ ऊपर ले जाती
है, फलस्वरूप बादल बनते हैं। और खास
बात यह है कि ये बादल आसानी से बिखरते भी नहीं हैं।
शोधकर्ताओं की यह रिपोर्ट एनपीजे क्लाइमेट एंड
एटमॉस्फेरिक साइंस में प्रकाशित हुई है। (स्रोत फीचर्स)
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