कैसे करें स्वागत
प्रिय बसन्त।
डॉ. शिवजी श्रीवास्तव
1
मातुशारदे
लोक प्रज्ञावान हो
यही वर दे।
2
धुंध ही धुंध
कैसे करें स्वागत
प्रिय बसन्त।
3
लता नवेली
तरु तन लिपटी
आया बसन्त।
4
कली हँस दी
एक भौंरा उड़ा है
होंठ से छूके।
5
आम बौराया
फागुनी बयार ने
चूमा है उसे।
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