

मीनू पुरूषोत्तम की आवाज में गाए इस सुवा गीत 'तरी हरी नहना मोर नहनारि नहना मोरि भई सुवा हो...' की शूटिंग फिल्म समाप्त होने के कारण पलारी में नहीं फिल्माई जा सकी।

मोहम्मद रफी ने फिल्म का एक और संगीतमय गीत 'तोर पैरी के झनर झनर...' मीनू पुरूषोत्तम के साथ गाया। इस गीत की शूटिंग गांव के तालाब के घाट पर की गई।


महेन्द्र कपूर की आवाज में गाए ददरिया शैली के गीत 'होरे...होरे होरे..' का फिल्मांकन बालसमुंद मंदिर में किया गया है। इसमें हरिप्रसाद चौरसिया के बांसुरी की धुन का बड़ी खूबसूरती से इस्तेमाल हुआ है।

मन्ना डे और साथियों के स्वर में गाये गीत के दृश्य 'कही देबे संदेश सबो ला..... दुनिया के मन आगू बढग़े चंदा तक म जाए रे भइया ...'
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