उदंती.com को आपका सहयोग निरंतर मिल रहा है। कृपया उदंती की रचनाओँ पर अपनी टिप्पणी पोस्ट करके हमें प्रोत्साहित करें। आपकी मौलिक रचनाओं का स्वागत है। धन्यवाद।

Nov 1, 2021

दो बाल कविताएँः

-डॉ. अर्पिता अग्रवाल

1.सवेरा

 

सूरज जागा रथ को हाँका

चंदा मामा सोने भागा,

मुर्गों ने फिर बाँग लगाई,

बस्ती ने भी ली अँगड़ाई

झोंका तभी हवा का आया,

चिड़ियों ने मिल गाना गाया,

भोर उजाला लेकर आई

जागोउठकर दौड़ो भाई।


2 .सूरज की सवारी

 

सूर्य की सवारी आई,

सतरंगी उजास है लाई ।

हरा रंग पौधों से खेला,

नील रंग बिखरा अलबेला।

रंग-बिरंगा बाग़ सजाओ,

खिलो-खिलाओ हँसो हँसाओ।

खुशबू की मटकी भर लाओ

सारी दुनिया को महकाओ ।

No comments: