तितली रानी, तितली रानी
पास हमारे आओ न ,
पंख फैलाकर उड़ती कैसे
हमको भी सिखलाओ न ,
नीले, पीले, लाल , हरे कई
रंगों में भरमाओ न ,
जीवन का हर रंग समाया
तुमने अपने तन-मन में
सतरंगों की बौछारों में
हमको भी नहलाओ न ,
मस्ती से तुम रहती कैसे
यह गुण हमें सिखाओ न ,
तितली रानी, तितली रानी
पास हमारे आओ न ।
सम्पर्कः एम.आई.जी -292, कैलाश विहारआवास विकास योजना सं- एक,
कल्याणपुर, कानपुर-208017 (उ.प्र)
1 comment:
एक सार्थक अंक में अपनी रचना भी देख कर बेहद खुशी हुई, आभार !
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