आपको आश्चर्य होता होगा कि आपके परिजनों या मित्रों में कुछ लोग ऐसे भी हैं जो कभी बीमार नहीं पड़ते। जब दूसरे लोग बदलते मौसम की गड़बड़ियों जैसे जुकाम, वायरल, पेट की गड़बड़ या आँखों की बीमारी से परेशान दिखते हैं तब भी ये लोग भले-चंगे बने रहते हैं। क्या कारण है कि कुछ लोग बहुत कम बीमार पड़ते हैं जबकि कुछ लोग हमेशा किसी-न-किसी स्वास्थ्य समस्या से ग्रस्त दिखते हैं?
मैं इस पोस्ट में आपको ऐसे
उपायों के बारे में बताऊँगी जो अच्छे स्वास्थ्य का आधार हैं तथा इनका पालन करने से
शरीर रोगों का मुकाबला करने में सक्षम बना रहता है और व्याधियां आसानी से अपनी
गिरफ्त में नहीं लेतीं। इनमें से कुछ तो बहुत सरल-सहज हैं जबकि कुछ को विस्तृत
रिसर्च में पाया गया है-
अच्छा आराम –
स्वस्थ रहने के लिए यह ज़रूरी है कि शरीर को पर्याप्त आराम दिया जाए। यदि आप रात-रात भर काम-काज या मनोरंजन के लिए खुद को जगाए रखते हैं तो आपका इम्यून सिस्टम प्रभावी तरीके से काम नहीं करता। रात को दस बजे तक सोने की आदत डालने तथा कम्प्यूटर स्क्रीन आदि की रोशनी से दूर रहने से शरीर में मेलेटोनिन की वृद्धि होती है जो इम्यून सिस्टम को सुदृढ़ करता है।
आहार में पोषक तत्वों का समावेश –
आहार में उत्तम गुणवत्ता के
भोज्य पदार्थ तथा विटामिन C और ज़िंक प्रदान करनेवाले
सब्जियों-फलों के समावेश से स्वास्थ्य का संरक्षण होता है। इसी के साथ ही भोजन में
चीनी तथा नमक को कम करना भी ज़रूरी है। रिफ़ाइंड चीनी के प्रयोग से इम्यून सिस्टम
सुस्त पड़ जाता है। अच्छे स्वास्थ्य के धारक सामान्यतः चाय-कॉफी, कार्बोनेटेड ड्रिंक्स, कैंडी-चॉकलेट और आइसक्रीम से
परहेज करते हैं जिससे उनका शरीर सशक्त बना रहता है।
किसी भी तरह का तनाव शरीर को
कमज़ोर करता है। रिसर्च से पता चला है कि सतत तनाव में रहनेवालों का स्वास्थ्य
खराब होने की संभावना बहुत बढ़ जाती है। स्वास्थ्य के प्रति सजग रहनेवाले व्यक्ति
अपने तनाव पर लगाम लगाने का प्रयास करते हैं। मालिश से शरीर को अनेक लाभ होते हैं।
इससे ब्लड-प्रेशर और एंज़ाइटी कम होती है जिससे व्यक्ति को राहत का अनुभव होता है।
योग तथा एक्यूप्रेशर से भी इम्यून सिस्टम सशक्त बनता है। एक्यूप्रेशर में शरीर के
किसी खास बिंदु जैसे थायमस ग्रंथि पर संतुलित दबाव डालने से इम्यून तथा लिंफेटिक
सिस्टम की कार्यप्रणाली में सुधार होता है।
शीतल स्नान –
बहुत से लोग ठंडे पाने से नहाने
के विचार से ही भयभीत हो जाते हैं, लेकिन रिसर्च से यह पता चला है कि
शीतकाल में भी ठंडे पानी से नहाने से श्वेत रक्त कणिकाओं की सक्रियता बढ़ जाती है
जिससे शरीर हानिकारक जीवाणुओं तथा रोगाणुओं के विरुद्ध लड़ने में अतिरिक्त सक्षम
हो जाता है। अनेक देशों में स्वास्थ्य के प्रति सजग लोग हर मौसम में ठंडे पानी से
ही नहाते हैं।
सकारात्मकता –
सकारात्मक के उजले पक्ष को कम
करके मत आंकिए। सकारात्मक रवैया रखनेवाले व्यक्तियों को आंतरिक प्रेरणा और ऊर्जा
की कमी नहीं पड़ती। नकारात्मकता से घिरते ही शरीर और मन हर चीज से लड़ने की ताकत
खो देता है। जीवन के उजले पक्षों को देखने और उनके प्रति कृतज्ञ रहनेवाले व्यक्ति
तनावग्रस्त नहीं रहते और तनावजन्य व्याधियों से दूर रहते हैं। सकारात्मकता को
बढ़ाने का सबसे सरल उपाय यह है कि आप किसी भी घटना या व्यक्ति के उजले पक्षों पर
भी नज़र डालें और बुरी बातों से सीख लेते हुए आगे बढ़ें। किसी भी रूप में कटुता
तथा वैरभाव से दूर रहें। जीवन के विविध पक्षों के लिए आभारी रहने के बारे में लिखी
इस अंग्रेजी
पोस्ट को भी देखिए।
आशा है कि आप ऊपर बताए गए
उपायों को ध्यान में रखेंगे, उनका अनुसरण करेंगे और अपने
स्वास्थ्य को परिपूर्ण बनाए रखने के लिए भरसक प्रयास करेंगे। याद रखें, तंदरुस्ती हज़ार नियामत है।
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