- राजेश पाठक
करो न अब थोड़ी भी देर
चलो लगा भी दें इक पेड़
खेतों से हरियाली गायब
घर-घर से खुशहाली गायब
बचा न जंगल में इक शेर
चलो लगा भी दें इक पेड़
कड़ी धूप में छांव भी देता
पानी हो तो नाव भी देता
नहीं देखता अपना-गैर
चलो लगा भी दें इक पेड़
नहीं प्रदूषण होने देता
सांसें भी ना खोने देता
बिना न इनके कोई खैर
चलो लगा भी दें इक पेड़
सम्पर्कः पावर हाउस रोड, न्यू बरगंडा, गिरिडीह, झारखंड- 815301
1 comment:
संदेश देती सुंदर कविता । बधाई ।सुदर्शन रत्नाकर
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