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Nov 14, 2015
उदंती- नवम्बर- 2015
उदंती- नवम्बर- 2015
जलाओ दिए
,
पर रहे ध्यान इतना,
अँधेरा धरा पर
,
कहीँ रह न जाए
-
गोपाल दास नीरज
पर्व-संस्कृति-
विशेष-
2
अनकही:
एक छोटी सी पहल...
-डॉ.रत्ना वर्मा
देवारी:
जगमगावत हे दिया घर दुआरी
-डॉ. परदेशी राम वर्मा
सुआ नृत्य:
सुअना से संदेश भिजवाने की परम्परा
-श्यामलाल चतुर्वेदी
राउत नाचा:
शौर्य और संस्कृति का लोक संगम
-साभारः रऊताही
हाथा:
धन-धान्य की रक्षा का लोक-चित्र
-उदंती फीचर्स
दियारी:
फसल
,
अन्न और पशु के साथ खुशहाली का पर्व
-संजीव तिवारी
मेला-मड़ई:
सांस्कृतिक विविधता का सतरंगी रूप
-त्रिजुगी कौशिक
छेरछेरा:
अन्नदान का महोत्सव
-श्यामलाल चतुर्वेदी
गउरा परब:
एक पतरी रैनी- झैनी
-संजय तिवारी
अभियान
: कौन करे पहल?
-उदंती फीचर्स
रामनामी सम्प्रदाय:
पूरे शरीर में राम नाम का गुदना
-प्रो. अश्विनी केशरवानी
कुम्हारी कला:
गुम होती दीयों की रोशनी
-गोपाल सिंह
कला:
आधुनिकता और परम्परा का संगम
-सुकांत दास
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