सबसे महंगी शाही शादी
दुनिया की सबसे महंगी शाही शादी की तारीख तय हो गई है, प्रिंस विलियम और केट मिडिलटन की शादी 29 अप्रैल 2011 को वेस्टमिंस्टर ऐबी चर्च में होगी। शाही शादी में ब्रिटिश राजघराना आम लोगों को शामिल नहीं करता बल्कि उनके लिए स्ट्रीट पार्टी का आयोजन किया जाता है लेकिन प्रिंस विलियम अपनी इस खुशी में आम लोगों को भी शरीक करना चाहते हंै इसके लिए सौ लोगों को ड्रा के जरिए चुना जाएगा। लेकिन फिलहाल ये खुलासा नहीं हुआ है कि यह ड्रा कब और कैसे निकाला जायेगा।
28 वर्षीय विलियम प्रिंस चाल्र्स के बड़े बेटे हैं और पिता के बाद राजगद्दी पर बैठने का दूसरा नंबर उन्हीं का है। प्रिंस चाल्र्स और राजकुमारी डायना के बेटे विलियम की होने वाली जीवनसाथी मिडिलटन भी 28 वर्ष की हैं। विलियम और केट की मुलाकात 2001 में स्कॉटलैंड की सेंट एंड्रयू यूनिवर्सिटी में हुई जहां से दोनों ने कला इतिहास की पढ़ाई की है।
अक्टूबर में प्रिंस विलियम और मिडिलटन की केन्या में सगाई हुई जहां वे छुट्टियां मनाने गए थे। केट मिडिलटन ने सगाई में वही अंगूठी पहनी हुई थी जो कभी प्रिंसेस ऑफ वेल्स, अर्थात विलियम की मां मरहूम प्रिंसेस डायना ने पहनी थी। प्रिंस विलियम ने इसकी महत्ता बताते हुए कहा कि जाहिर तौर पर यह अंगूठी मेरे लिए खास है, जैसे अब केट मेरे लिए खास है। इसीलिए मैंने सोचा इन दोनों को एक साथ रखा जाए। ताकि मेरी मां मेरे इस विशेष दिन के उत्साह और इस खुशी से वंचित न रहे और उसे पता चले कि आने वाली जिंदगी हम साथ गुजारने वाले हैं।
वेस्टमिंस्टर ऐबी जहां यह शाही शादी होने वाली है लगभग एक हजार साल पुराना एक ऐतिहासिक चर्च है जहां महारानी एलिजाबेथ और महारानी विक्टोरिया की शादियां हुई थीं। इसी चर्च में 1997 में लेडी डायना के लिए अंतिम प्रार्थना सभा भी आयोजित की गई थी। प्रिंस विलियम ने कहा है कि 'चर्च की शानदार खूबसूरती और उसके एक हजार साल के इतिहास को देखते हुए हमने वहीं शादी करने का फैसला किया गया है।'
इस शाही शादी से ब्रिटिश अर्थव्यवस्था को भी नई जान मिलेगी और वहां की अर्थव्यवस्था में एक अरब पौंड का इजाफा होगा ऐसी उम्मीद जताई जा रही है। जाहिर है दुनिया भर से लोग इस शादी में शिरकत करने इंग्लैंड पहुंचेंगे जिससे मंदी से जूझ रहे ब्रिटिश टूरिज्म उद्योग को भी टॉनिक मिलेगा।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन भी इस अवसर को लेकर काफी उत्साहित हैं वे कहते हैं कि 'यह ब्रिटेन के लिए बहुत बड़ा और खुशी का मौका है' यही वजह है कि 29 अप्रैल 2011 को देश भर में सरकारी छुट्टी की घोषणा की गई है ताकि पूरा देश इस आयोजन से जुड़ सके। जाहिर है इससे ब्रिटिश उद्योग को फायदा मिलेगा, यानी शादी के बहाने व्यापार। शाही रीति- रिवाज के मुताबिक होने वाली इस शादी का खर्च दोनों परिवार उठाएंगे लेकिन सुरक्षा और परिवहन पर होने वाला खर्च सरकार के खजाने से जाएगा।
28 वर्षीय विलियम प्रिंस चाल्र्स के बड़े बेटे हैं और पिता के बाद राजगद्दी पर बैठने का दूसरा नंबर उन्हीं का है। प्रिंस चाल्र्स और राजकुमारी डायना के बेटे विलियम की होने वाली जीवनसाथी मिडिलटन भी 28 वर्ष की हैं। विलियम और केट की मुलाकात 2001 में स्कॉटलैंड की सेंट एंड्रयू यूनिवर्सिटी में हुई जहां से दोनों ने कला इतिहास की पढ़ाई की है।
अक्टूबर में प्रिंस विलियम और मिडिलटन की केन्या में सगाई हुई जहां वे छुट्टियां मनाने गए थे। केट मिडिलटन ने सगाई में वही अंगूठी पहनी हुई थी जो कभी प्रिंसेस ऑफ वेल्स, अर्थात विलियम की मां मरहूम प्रिंसेस डायना ने पहनी थी। प्रिंस विलियम ने इसकी महत्ता बताते हुए कहा कि जाहिर तौर पर यह अंगूठी मेरे लिए खास है, जैसे अब केट मेरे लिए खास है। इसीलिए मैंने सोचा इन दोनों को एक साथ रखा जाए। ताकि मेरी मां मेरे इस विशेष दिन के उत्साह और इस खुशी से वंचित न रहे और उसे पता चले कि आने वाली जिंदगी हम साथ गुजारने वाले हैं।
वेस्टमिंस्टर ऐबी जहां यह शाही शादी होने वाली है लगभग एक हजार साल पुराना एक ऐतिहासिक चर्च है जहां महारानी एलिजाबेथ और महारानी विक्टोरिया की शादियां हुई थीं। इसी चर्च में 1997 में लेडी डायना के लिए अंतिम प्रार्थना सभा भी आयोजित की गई थी। प्रिंस विलियम ने कहा है कि 'चर्च की शानदार खूबसूरती और उसके एक हजार साल के इतिहास को देखते हुए हमने वहीं शादी करने का फैसला किया गया है।'
इस शाही शादी से ब्रिटिश अर्थव्यवस्था को भी नई जान मिलेगी और वहां की अर्थव्यवस्था में एक अरब पौंड का इजाफा होगा ऐसी उम्मीद जताई जा रही है। जाहिर है दुनिया भर से लोग इस शादी में शिरकत करने इंग्लैंड पहुंचेंगे जिससे मंदी से जूझ रहे ब्रिटिश टूरिज्म उद्योग को भी टॉनिक मिलेगा।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन भी इस अवसर को लेकर काफी उत्साहित हैं वे कहते हैं कि 'यह ब्रिटेन के लिए बहुत बड़ा और खुशी का मौका है' यही वजह है कि 29 अप्रैल 2011 को देश भर में सरकारी छुट्टी की घोषणा की गई है ताकि पूरा देश इस आयोजन से जुड़ सके। जाहिर है इससे ब्रिटिश उद्योग को फायदा मिलेगा, यानी शादी के बहाने व्यापार। शाही रीति- रिवाज के मुताबिक होने वाली इस शादी का खर्च दोनों परिवार उठाएंगे लेकिन सुरक्षा और परिवहन पर होने वाला खर्च सरकार के खजाने से जाएगा।
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