थप्पड़
-आलोक कुमार सातपुते
उस बस स्टैण्ड में तीन दयालु व्यक्ति, और एक कहीं से भी दयालु नहीं लगने वाला व्यक्ति बैठा था। इतने में एक बुढिय़ा अपने दोनों बेटों के विक्षिप्त होने के कारण दाने-दाने को मोहताज होने की जानकारी देते हुए रोने लगी। इस पर पहले दयालु ने कहा- 'तुम लोग भूखे मर रहे हो इसका यह अर्थ है कि, राज्य नीति-निर्देशक तत्वों का पालन नहीं कर रहा है, मैं इस बात को विधानसभा और लोकसभा तक ले जाऊंगा।'
दूसरे दयालु ने कहा - 'ये तुम्हारे गांव वालों के लिए शर्म की बात है कि उनके होते हुए एक परिवार भूख से मर रहा है।'
तीसरे दयालु ने कहा -'माई अब रोना-धोना बंद करो। मैं बड़ा ही भावुक किस्म का आदमी हूं। तुम्हें रोता देखकर मुझे भी रोना आ रहा है।'
चौथा व्यक्ति निस्पृह भाव से उनकी बातें सुनता रहा, और फिर उठकर वहां से चला गया। इस पर दयालु ने कहा- देखो तो, लोग एक शब्द सांत्वना के भी नहीं बोल सकते।
कुछ देर बाद वह व्यक्ति एक थैले में दस किलो चांवल लेकर आया, और बड़ी ही खामोशी से उस बुढिय़ा को थैला सौंप दिया। अचानक तीनों दयालुओं का हाथ अपने-अपने गालों तक पहुंच गया। उन्हें ऐसा लगा, जैसे किसी ने उन्हें झन्नाटेदार थप्पड़ रसीद कर दिया हो।
............
सार्थक चर्चा
रेलवे प्लेटफार्म में एक सीट पर दो अपरिचित व्यक्ति बैठे
हुए हैं। टे्रन आने में कुछ समय है। उनके बीच
औपचारिक बातचीत का सिलसिला प्रारंभ होता है।
पहला - आप कहां सर्विस करते हैं?
दूसरा- जी मंत्रालय में... शिक्षा मंत्री के यहां।
पहला- अरे वाह। आप तो बड़े काम के आदमी हैं। मैं
शासकीय कालेज में हिन्दी विभाग का अध्यक्ष हूं ...
रमाकान्त (दुबे गर्व से)
दूसरा- जी मैं मंत्रालय में निहायत ही मामूली पद पर हूं।
मेरी पहचान एक लेखक के रूप में ही अधिक है।
पहला- किस तरह का लेखन करते हैं आप? मतलब
किस वाद से या विचारधारा से जुड़े हुए हैं?
दूसरा- जी मैं सार्थक लेखन में यकीन करता हूं।
पहला- मैं भी सार्थक चर्चा में यकीन करता हूं। वैसे आपका नाम क्या है?
दूसरा-जी अशोक।
पहला- अशोक और आगे?
दूसरा-अशोर घोरपड़े।
पहला- क्या गिर पड़े?
दूसरा- जी नहीं, घोरपड़े, जीएचओआर...
पहला- अच्छा-अच्छा ठीक है। वैसे आप हैं कहां से?
दूसरा-जी महाराष्ट्र से।
पहला- महाराष्ट्र में तो कई जातियां होती हैं...
आप ?
दूसरा-मेरी जाति का नाम आपकी समझ में नहीं आएगा।
पहला- खैर, कोई बात नहीं... आप एससी, एसटी,
ओबीसी या अन्य किस में आते हैं?
दूसरा- जी एसी में।
पहला (व्यंग्य में)- अच्छा तो आप एससी में आते है...।
(इतने में टे्रन आ जाती है)
पहला (चलते-चलते) - अच्छी सार्थक चर्चा हुई हमारे
बीच। वैसे मंत्रालय में जब भी सेटिंग की जरूरत
पड़ेगी, मै आपको कष्ट दूंगा।
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