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Nov 23, 2008

हवा कुछ कहती नहीं है....

हवा कुछ कहती नहीं है....
-आशा भाटी


हवा कुछ कहती नहीं है

ये देखती है सुनती है नि:शब्द चली जाती है

कहने को बहुत कुछ है पर ये कहती नहीं है



आंगन में सोई हैं कुछ लड़कियां

कुछ बातें की हैं उन्होंने भावी जीवन की

कुछ मीठे सपने संजोये हैं अभी- अभी

ये आती है, उन्हें हौले से छूती है

गुजर जाती है, पर कुछ कहती नहीं है

किसी का इन्तजार करती प्रिया को देखती है

सहेली बन कर कुछ देर रुकती है

प्रिय का कुछ संदेश ले जाना चाहती है

पर कुछ कहती नहीं है



किसी सोये हुए शिशु के पास जाती है

कभी हौले से देती है थपकियां, कोई लोरी

कोई परियों की कहानी सुनाना चाहती है

पर कुछ कहती नहीं है।


पता: शताक्षी, 13/ 89 इन्दिरा नगर, लखनऊ 226016

2 comments:

  1. उम्दा,बेहतरीन ,मधुर भाव

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  2. उम्दा,बेहतरीन ,मधुर भाव

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