सभ्यता और संस्कृति
-डॉ. रत्ना वर्मा
जिस प्रकार साहित्य को समाज का दर्पण कहा जाता है उसी तरह सभ्यता और संस्कृति से किसी भी देश या समाज की पहचान बनती है। भारत में सिंधु घाटी की सभ्यता से लेकर आज तक उसकी संस्कृति अविरल प्रवाहित होती चली आ रही है। यहां की उन्नत भाषा, रीति रिवाज, परंपराएं, कलाएं आदि इसका प्रमाण हैं।
-डॉ. रत्ना वर्मा
जिस प्रकार साहित्य को समाज का दर्पण कहा जाता है उसी तरह सभ्यता और संस्कृति से किसी भी देश या समाज की पहचान बनती है। भारत में सिंधु घाटी की सभ्यता से लेकर आज तक उसकी संस्कृति अविरल प्रवाहित होती चली आ रही है। यहां की उन्नत भाषा, रीति रिवाज, परंपराएं, कलाएं आदि इसका प्रमाण हैं।
सभ्यता किसी समाज के आचरण या व्यवहार को कहते हैं तथा यह बौद्धिक होती है, जैसे कृषि, व्यापार- उद्योग, निर्माण कार्य आदि जबकि संस्कृति समाज की आकांक्षाएं होती हैं और इसका संबध भावनाओं से होता है जैसे गीत, संगीत, शिल्पकला, चित्रकला आदि। इस तरह हम सभ्यता और संस्कृति को एक दूसरे से अलग करके नहीं देख सकते, दोनो एक दूसरे से जुड़ी हुई हैं और साथ- साथ चलती हैं।
सभ्यता और संस्कृति की बात चल रही हो तभी ऐसी खबर मिल जाए जो हमारे सामाजिक जीवन को प्रभावित करती हों तो मन के कोने में आशा की किरण जगती है। ये सभी खबरें शुभ की सूचक हैं और उम्मीद की जानी चाहिए कि बदलाव की जो बयार बह रही है वह हमारे सांस्कृतिक मूल्यों को और अधिक उन्नत करेगी।
पहली अच्छी खबर है कि - गंगा नदी, जो भारतीय संस्कृति की जननी है और जिसके किनारे भारतीय सभ्यता और संस्कृति पल्लवित पुष्पित हुई है, को केन्द्र सरकार ने राष्ट्रीय नदी घोषित करने का महत्वपूर्ण फैसला लिया है। भारतवासियों के लिए गंगा उनकी मां है, पूज्यनीय है और वह सबके हृदय में सदा ही बसी रहती है। विश्वास है ऐसी जीवनदायी नदी को उसी श्रद्धा के साथ संरक्षित तथा प्रदूषण रहित करने की दिशा में बेहतर प्रयास किए जाएंगे।
- दूसरी महत्वपूर्ण और संगीतमय खबर है, पंडित भीमसेन जोशी को भारत रत्न से सम्मानित किए जाने की। पंडित जी के कंठ में सरस्वती विराजती है अत: उनका यह सम्मान हम भारतीयों के लिए गर्व की बात है। पंडित जी ने भारतीय शास्त्रीय संगीत की अमूल्य सेवा की है। वे चिरायु हों, उनकी स्वर लहरियां गूंजती रहे यही शुभकामना है ।
- और अंतत: इतिहास रचते हुए डेमोक्रेटिक पार्टी के 47 वर्षीय बराक हुसैन
ओबामा अमरीका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति चुन लिए गए। उनकी यह जीत इसलिए भी ऐतिहासिक है क्योंकि अमरीका में काले लोगों को वोट देने का अधिकार 1964 में मिल पाया था, जबकि अमरीका को आजादी 1776 में ही मिल गई थी। ओबामा ने जीत के तुरंत बाद अपने पहले संबोधन में कहा कि यह नेतृत्व का नया सवेरा है , जो लोग दुनिया को ध्वस्त करना चाहते हैं उन्हें मैं कहना चाहता हूं कि हम तुम्हें हराएंगे। जो लोग सुरक्षा और शांति चाहते हैं हम उनकी मदद करेंगे। अब्राहिम लिंकन को याद करते हुए उन्होंने सबसे महत्वपूर्ण बात यह कही कि लोगो की सरकार, लोगो के लिए सरकार और लोगों के द्वारा सरकार दुनिया से गायब नहीं हुई है। इस ऐतिहासिक जीत पर उन्हें बधाई।
1 comment:
आपकी कही अनकही अत्यंत अच्छी लगी !! सभ्यता और संस्कृति का मर्म जानकर खुशी हुयी !
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