उदंती.com को आपका सहयोग निरंतर मिल रहा है। कृपया उदंती की रचनाओँ पर अपनी टिप्पणी पोस्ट करके हमें प्रोत्साहित करें। आपकी मौलिक रचनाओं का स्वागत है। धन्यवाद।

Oct 1, 2022

कविताः जीवन के अँधेरों में

 - रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’

जीवन के अँधेरों में

बाधा बने घेरों में

सभी द्वारे दीपक जलाए रखना ।

 

खुशियाँ ही जग को मिलें

मुस्कान के फूल खिलें

थोड़ी-सी रौशनी बचाए रखना ।

 

इन नयनों की झील में

झिलमिल हर कन्दील में

प्यार के कुछ दीये, सजाए रखना ।

 

वही धरा का रोग हैं,

जो स्वार्थ-भरे लोग हैं

तनिक दूरी उनसे, बनाए रखना ।

3 comments:

nilambara.shailputri.in said...

बहुत सुंदर, हार्दिक बधाई शुभकामनाएं

Anonymous said...

संदेश देती बहुत सुंदर कविता। बधाई। सुदर्शन रत्नाकर

http://bal-kishor.blogspot.com/ said...

सुंदर