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May 3, 2021

आलेखः जीवन अनमोल है

-डॉ. पद्मजा शर्मा 

अब माँ नब्बे साल की हो रही है। अबके भाई ने वाटसेप पर फोटो भेजी। माँ फोटो में झूले पर बैठी है। देखा तो दिल बैठ सा गया। कितनी कमजोर हो गई है। मेरी आँखें भर आई। पति ने कहा इस उम्र में ज्यादा वजन किस काम का? वे स्वस्थ हैं।

सुना है -माँ आजकल जिद बहुत करती है। कहती है गाँव जाना है। यहाँ शहर में मन उचाट रहता है। असल में गाँव में उनकी जानी पहचानी माटी है, खेत हैं, लोग हैं, हवाएँ हैं। उसने अपने समय में कितनी गाय बकरी पाली। खेत बुआए। गाँव की कितने ही औरतों से उसका दोस्ताना था। कितनी मिलती जुलती थी सबसे। अच्छे बुरे समय में सबके काम आती थी। सब उसके काम आते थे। उसे वहाँ की याद आना कोई अनहोनी बात तो नहीं। मगर सवाल उठता है , वहाँ ले कौन जाए। सब बेटे शहरों में बस गए हैं। घर बंद रहता है। माना बिजली पानी की कोई समस्या नहीं है;  पर कोई उस घर में अकेले तो रह नहीं सकता और  माँ तो कतई नहीं। कोई तो उनके साथ चाहिए। खाने, नहाने, धोने, दवाई पानी के कई सारे काम होते हैं। पर साथ रहे कौन? सबका काम- धंधा, नौकरी शहरों में है। सबके बच्चे वहीं लिख पढ़ रहे हैं। कैसे संभव हो कि माँ को गाँव ले जाएँ भले थोड़े दिन के लिए ही सही।

मन कर रहा है- माँ को कुछ समय के लिए गाँव जरूर ले जाना चाहिए। पता नहीं कितनी और जिंदगी है उसकी। यह हसरत लेकर ही चली जाएगी। लेकिन वह बात जो बताने के लिए मैंने ये सब लिखा, वह तो सुनें। जब भी हफ्ते दस दिन में बात होती है कहती है पद्मजा मैं अब भी कोई बिज़नस कर सकती हूँ। और कुछ मुझसे हो न हो, पर गाँव जाकर भेड़ पाल सकती हूँ , उनकी ऊन कितनी उतरती है। गाय पाल लूँगी। कुछ बकरियाँ ले लूँगी। मेरा तो बकरियों के दूध से काम चल जाएगा। गाय का घी दूध बेच कर अपना खर्चा तो मैं आज भी निकाल सकती हूँ।

माँ की हिम्मत इस उम्र में भी बरकरार है। अब भी वह अकेले रहने की सोच सकती है। पैसे कमाने की सोच सकती है। वह किसी की दादी, किसी की नानी है। किसी की भाभी, किसी की बहन -बेटी है ; मगर मेरी माँ है। उसका ये बातें करना किसी को अटपटा लग सकता है;  मगर मुझे उसकी हर बात में एक निरालापन, एक जोश, एक उत्साह नजर आता है। आज के युवाओं के लिए एक राह नर आती है। युवा कह देते हैं हम क्या करें कोई काम ही नहीं हमारे लिए, उनके लिए यह सीख बड़े काम की है कि आपका जज्बा न मरे। वह जिंदा रहे। वह रहा तो आप भी खुशहाल रहेंगे। आपको काम भी मिल जाएगा बस दृष्टि जरूरी है । एक नब्बे साल की स्त्री काम करने की हिम्मत रखती है तो आप क्यों नहीं। आप क्यों मरने की और आत्महत्या की बातें करते हैं? जीवन अनमोल है, इसे हर उम्र में हंसते खिलखिलाते हुए बिताइए।

 सम्पर्कः15 बी,पंचवटी कॉलोनी , सेनापति भवन के पास , जोधपुर, राजस्थान 342011, मो. 9414721619, padmjasharma@gmail.com

1 comment:

Sudershan Ratnakar said...

प्रेरणादायी आलेख।