उदंती.com को आपका सहयोग निरंतर मिल रहा है। कृपया उदंती की रचनाओँ पर अपनी टिप्पणी पोस्ट करके हमें प्रोत्साहित करें। आपकी मौलिक रचनाओं का स्वागत है। धन्यवाद।

Apr 1, 2024

बाल कविताः चिड़िया गीत सुनाती है

  -  रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’

चित्रः स्वाति बरणवाल 








बैठ मुँडेरे, बड़े सवेरे

चिड़िया गीत सुनाती है।

सोते रहते सभी घरों में;

लेकिन वह जग जाती है।


नन्हे बच्चे चोंच खोलकर

चींचीं-चींचीं गाते हैं

चिड़िया जो लाकर दे देती

मिल-जुलकर खा जाते हैं।

कभी संग उनको लेजाकर

उड़ना वह सिखलाती है।


होती शाम, डूबता सूरज

नभ में घिरता अँधियारा

होते फिर आबाद घोंसले

गूँज उठा उपवन सारा

बैठ डाल पर प्यारी चिड़िया

रुक-रुक लोरी गाती है।


1 comment:

  1. Anonymous02 April

    मनमोहक बाल कविता । सुदर्शन रत्नाकर

    ReplyDelete